वाराणसी: धार्मिक नगरी में अब धर्म से जुड़े किसी भी मामले पर निर्णय आसानी से लिया जा सकेगा. चाहे वो धार्मिक पर्यटन हो या फिर धर्मिक तौर पर विकास से जुड़ा हुआ कोई भी विषय हो, काशी के अफसर ही इसका निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे. वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल को डायरेक्टरेट ऑफ रिलीजियस अफेयर्स के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार मिला है.


आपको बता दें कि 1985 में धर्मार्थ कार्य विभाग की स्थापना हुई थी. दिसम्बर 2020 को योगी कैबिनेट ने निदेशालय बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया था जिसका मुख्यालय वाराणसी में और ब्रांच आफिस मानसरोवर गाजियाबाद में बनना है. वाराणसी में मुख्यालय के लिए स्थान श्री काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से होना था. अब इस पूरे मामले पर तेजी आ गयी है. बल्कि यूं कहें कि मंडलायुक्त को अतिरिक्त प्रभार के रूप में निदेशक बना दिया गया. जिससे धर्मार्थ कार्य और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना आदि कार्य अब पूरी तरह से संभव हो सकेगा. इसके साथ ही धर्म स्थल की व्यवस्था के बारे में भी निर्णय लिया जा सकेगा.


धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम


धार्मिक स्थलों पर आज भी तमाम प्रयासों के बावजूद थोड़ी अव्यवस्था रहती है. अब धार्मिकता से जुड़े मुद्दों पर सरकारी तौर पर निर्णय लेने के साथ उसके विकास को लेकर निर्णय आदि लेने में आसानी रहेगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल की मानें तो आगे के दिनों में धार्मिक नगरी का स्वरूप जरूर बदला दिखेगा जो आने वाले पर्यटकों को अलग एहसास कराएगा.


ये भी पढ़ें: 


Chardham Yatra: एक जुलाई से शुरू होगी चारधाम यात्रा, कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य, जानें- किसे मिलेगी अनुमति