Amresh Baghel Arrested by Police in Atul Rai Case: बाहुबली और माफिया से खाकी का हमेशा से याराना रहा है लेकिन अब ये यारी पुलिस पर भारी पड़ रही है. ताजा मामला जेल में बंद सांसद और माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के करीबी अतुल राय से खाकी के रिश्तों का है. बाहुबली अतुल राय (Atul Rai) से रिश्ते निभाने के चक्कर में वाराणसी के भेलूपुर में तत्कालीन सीओ रहे अमरेश बघेल (Amresh Baghel) को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. बाहुबली अतुल राय के खिलाफ एक युवती ने वाराणसी (Varanasi) में रेप और उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई थी. युवती का आरोप था कि उस वक्त वाराणसी में बतौर सीओ तैनात रहे अमरेश बघेल जांच में भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे थे. पीड़िता ने दिसंबर 2020 को एक प्रार्थनापत्र भी वहां के पुलिस अधिकारियों को दिया था जिसमें तत्कालीन सीओ बघेल पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद 16  अगस्त को पीड़िता ने अपने एक साथी के साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने आत्मदाह कर लिया था. मामले की जांच शुरू हुई तो तत्कालीन सीओ अमरेश बघेल की भूमिका संदिग्ध पाई गई. वाराणसी पुलिस ने बुधवार रात बाराबंकी टोल प्लाजा से अमरेश बघेल को हिरासत में ले लिया. बघेल के खिलाफ वाराणसी में रेप पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने सहित अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करके उन्हें जेल भेज दिया गया है.


सांसद अतुल राय के मामले में वाराणसी के आला पुलिस अधिकारियों ने भी घनघोर लापरवाही बरती. सुप्रीम कोर्ट के सामने जब रेप पीड़िता और उसके साथी ने आत्मदाह किया तब सरकार की नींद टूटी और एसएसपी अमित पाठक, तत्कालीन एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी, तत्कालीन एसीपी विनय कुमार सिंह और तत्कालीन सीओ अमरेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक जांच कमेटी गठित की गई. एसएसपी अमित पाठक, एडीसीडी विकास चंद्र त्रिपाठी को पद से हटाकर स्पष्टीकरण मांगा गया जबकि सीओ अमरेश बघेल को निलंबित कर दिया गया था. एसीपी विनय कुमार सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जांच कमेटी ने पाया कि पीड़िता और उसके सहयोगी की तरफ से दर्ज विभिन्न एफआईआर की विवेचना और पर्यवेक्षण में काफी लापरवाही बरती गई. यही नहीं पीड़िता और उसके सहयोगी ने जो शिकायती पत्र पुलिस अधिकारियों को दिए, उन पर भी समय से कार्यवाही नहीं हुई.


सांसद अतुल राय पर लगे रेप के आरोप और पीड़िता के आत्मदाह के मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर गठित दो सदस्यीय जांच समिति की पड़ताल में पाया गया कि महिला अपराध जैसे गंभीर और संवेदनशील मामलों में कठोर कार्रवाई तो दूर प्रभावी पर्यवेक्षण भी नहीं किया गया. समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में भी एक एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें जबरिया रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को भी पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.


सरकार के चहेते पीपीएस अफसर विकास चंद्र त्रिपाठी पर लगे यह आरोप


27 अगस्त 2020 को पीड़िता के पैरोकार ने वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक से शिकायत की थी कि अतुल राय के खास शोभित सिंह के कहने पर शुभम सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी दी. एसएसपी ने मामले की जांच उस वक्त एसपी सिटी रहे विकास चंद्र त्रिपाठी को दी. त्रिपाठी ने संवेदनशील मामले की जांच में 3 महीने लगा दिए और 2 दिसंबर 2020 को लंका थाना में एफआईआर दर्ज कराई. जांच कमेटी ने इस गंभीर अपराध में लापरवाही के लिए विकास चंद्र त्रिपाठी को दोषी ठहराया है.


6 जनवरी 2021 को रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को संबोधित एक प्रार्थनापत्र दिया था जिसकी जांच भी तत्कालीन एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी को दी गई थी. इस मामले में भी उन्होंने घोर लापरवाही बरती. त्रिपाठी ने न ही जांच पूरी की न पीड़िता की समस्या का निराकरण किया. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में एक लापरवाही का भी जिक्र किया है. 13 जनवरी 2021 को इसी मामले में एक अन्य शिकायत की जांच भी विकास चंद्र त्रिपाठी को सौंपी गई थी. उस वक्त वाराणसी कमिश्नरेट बन चुका था और विकास चंद्र त्रिपाठी एडीसीपी के पद पर थे. आरोप है कि उन्होंने लंबे समय तक जांच को अटकाए रखा.


सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी- प्रशांत कुमार


इस पूरे मामले में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि पीड़िता और उसके सहयोगी की तरफ से वाराणसी के विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज कराए गए थे. इसके अलावा शासन स्तर पर गठित जांच कमेटी ने भी हजरतगंज कोतवाली में एक एफआईआर कराई है जिसमें पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर नामजद हैं और उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. सभी मुकदमों की विवेचना गंभीरता से कराई जा रही है. डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी अमरेश बघेल को भी बुधवार रात गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. कुछ और पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आएंगे तो उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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