उत्तरकाशी रेस्क्यू पूरा होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पूरे अभियान में लगे सभी कर्मचारियों और कार्मिकों को मैं धन्यवाद करता हूं. सीएम ने कहा कि बहुत चुनौतीपूर्ण काम होते हुए भी हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेते रहे और अपना सहयोग दिया.


सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे ड्यूटी दी थी कि मुझे सभी को सुरक्षित निकालना है. भारत सरकार और राज्य सरकार की एजेंसियों समेत यहां मौजूद वैज्ञानिकों का मैं आभार जताता हूं.


सीएम के मुताबिक पीएम ने सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य और उनको घर तक पहुंचाने का इंतजाम करने का निर्देश भी दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी अधिकारी इस रेस्क्यू में अपना सहयोग दे रहे थे. आने वाले वक्त में हम सभी टनलों की समीक्षा करेंगे. ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो.


सीएम ने कहा कि श्रमिक लगातार अंदर संघर्ष कर रहे थे औऱ पूरा देश बाहर संघर्ष कर रहा था. एक एक व्यक्ति को मैं धन्यवाद करता हूं. प्रधानमंत्री मोदी   इस रेस्क्यू अभियान की जानकारी ले रहे थे. भारत सरकार की सारी एजेंसियां इस कठिन काम में लगीं.  उनके परिजनों का हालचाल जाना है, उत्तराखंड के देवी देवताओं का नमन करता हूं.


सीएम ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं. जनरल वीके सिंह को धन्यवाद करता हूं. जहां पूरी एजेंसियां लगी थी वहीं पीएमओ के सभी अधिकारी अपना सहयोग प्रदान कर रहे थे.  मैं सभी श्रमिक भाइयों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई देता हूं


इसके अलावासीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- श्रमिकों व उनके परिजनों के चेहरे की ख़ुशी ही मेरे लिये इगास-बगवाल..


सीएम ने लिखा- हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.


उन्होंने लिखा- पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताक़त से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार. 


सीएम ने लिखा- प्रधानमंत्री से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन एवं कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही. 17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है.