उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली क्षेत्र में मंगलवार को बादल फटने से हुई भीषण आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग पूर्ण सतर्कता के साथ अलर्ट मोड में आ गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया गया है ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल और बेहतर इलाज मिल सके. देहरादून और ऋषिकेश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में ICU सहित बेड आरक्षित किए गए हैं, जबकि मानसिक स्वास्थ्य के लिए तीन मनोचिकित्सकों की टीम धराली भेजी गई है.

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि आपदाग्रस्त क्षेत्र से लाए गए घायलों के लिए चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत किया गया है.

आरक्षित बेड की व्यवस्था इस प्रकार है:

  • दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, देहरादून: 150 जनरल बेड, 50 ICU बेड
  • कोरोनेशन जिला चिकित्सालय, देहरादून: 80 जनरल बेड, 20 ICU बेड
  • एम्स, ऋषिकेश: 50 जनरल बेड, 20 ICU बेड

इन अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल टीम और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है. 108 एम्बुलेंस सेवा को 24x7 एक्टिव मोड में रखा गया है ताकि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके.

मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

आपदा से प्रभावित लोगों में मानसिक तनाव और अवसाद की संभावना को देखते हुए सरकार ने तीन मनोचिकित्सकों की टीम धराली क्षेत्र में तैनात की है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ये विशेषज्ञ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत शिविरों में काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करेंगे. यह कदम प्रभावित लोगों की भावनात्मक मजबूती के लिए उठाया गया है.

स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता

डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) और आपदा प्रतिक्रिया टीमें अलर्ट पर हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह संवेदनशील समय है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी घायल या जरूरतमंद इलाज से वंचित न रहे. स्वास्थ्य विभाग हर संभावित स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है.

बता दें कि धराली में बादल फटने से खीर गंगा नदी में बाढ़ आई, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक अभी भी लापता हैं. भूस्खलन और मकानों के नुकसान ने स्थिति को गंभीर बना दिया है. राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना भी सहयोग कर रही है. मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी ने सतर्कता को और बढ़ा दिया है.