Uttarakhand Nikay chunav: उत्तराखंड में गुरुवार को 100 नगर निकायों के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है. सुबह 8 बजे से ही राज्यभर में मतदाता बूथों पर पहुंचने लगे. मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने व्यापक तैयारियां की हैं. करीब 30 लाख 29 हजार मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. पूरे प्रदेश में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.

बड़कोट नगरपालिका में मतदान के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया. मतदाता पहचान पत्र को लेकर प्रत्याशियों के बीच विवाद हो गया. यह विवाद उस समय बढ़ा जब प्रत्याशियों के समर्थकों और पुलिस प्रशासन के बीच बहस हो गई. प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया.

पिछले चुनावों से राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ा हैप्रदेश के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में सुबह से ही बूथों पर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं. देहरादून में मेयर पद के प्रत्याशी सौरभ थपलियाल ने मतदान के दौरान लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और मतदान किया. पिछले कुछ चुनावों से राज्य में मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ता आ रहा है. 2008 में 60 प्रतिशत, 2013 में 61 प्रतिशत, और 2018 में 69.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत को 70 से 75 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

राज्य में नगर निगमों की संख्या अब 11 हो चुकी है. श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. इससे पहले ये नगर पालिकाएं थीं. इन क्षेत्रों में भी मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा है. चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए प्रदेशभर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. 185 चेकिंग बैरियर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 117 बैरियरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. शेष बैरियरों पर वीडियो कवरेज की जा रही है.

चुनाव में मतदान के लिए रंग-बिरंगे बैलेट पेपर का प्रयोगप्रदेश में कुल 1,516 मतदान केंद्र और 3,394 मतदेय स्थल बनाए गए हैं. इनमें से 592 संवेदनशील और 412 अतिसंवेदनशील घोषित किए गए हैं. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. चुनाव में मतदाता रंग-बिरंगे बैलेट पेपर का उपयोग कर रहे हैं. मेयर पद के लिए नीले बैलेट, वार्ड सदस्यों के लिए सफेद, नगर पालिका अध्यक्ष के लिए हरे, और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए गुलाबी बैलेट पेपर का उपयोग किया जा रहा है. मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प भी दिया गया है.

प्रदेश में कुल 18 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमें 1,120 पुलिस बल, 24 कंपनी पीएसी, 4,352 होमगार्ड, 2,550 पीआरडी जवान और 300 वन कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा, 105 मोबाइल टीम और 109 क्यूआरटी (क्विक रेस्पांस टीम) तैनात की गई हैं.

नगर निकाय चुनाव के लिए 16 हजार कर्मचारियों की ड्यूटीराज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए 16,284 कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया है. मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. नगर निकाय चुनाव को 'छोटी सरकार' चुनने का मौका माना जाता है. इन चुनावों में मतदाता अपने क्षेत्र के विकास, स्वच्छता, जल आपूर्ति, और अन्य स्थानीय समस्याओं को ध्यान में रखकर प्रत्याशी का चयन करते हैं.

इस बार मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई जागरूकता अभियान चलाए. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ यह दर्शाती है कि जनता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो रही है. निर्वाचन आयोग और सुरक्षा बलों के ठोस इंतजामों के बीच प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव प्रक्रिया जारी है. मतदान समाप्त होने के बाद मतगणना शुरू होगी, और परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे. मतदाताओं के उत्साह और व्यापक सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उम्मीद है कि यह चुनाव न केवल शांतिपूर्ण रहेगा, बल्कि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करेगा.

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