उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के छेनागाड़ क्षेत्र में अगस्त माह में आई आपदा के बाद लापता हुए नौ लोगों में से सात के शव बरामद कर लिए गए हैं. शनिवार को राहत-बचाव टीमों ने मलबा हटाने के दौरान पांच शव और एक पैर बरामद किया. इससे पहले शुक्रवार को भी एक शव और एक पैर मिला था. अभी तक केवल एक शव की ही पहचान हो पाई है, जबकि अन्य शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है.

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मलबे से मिले महत्वपूर्ण सामान

गुप्तकाशी थाना प्रभारी रंजीत खनेड़ा ने बताया कि मलबे की खुदाई के दौरान दो मोबाइल फोन और एक पर्स भी मिला है, जिसमें नेपाल की मुद्रा पाई गई है. इससे आशंका जताई जा रही है कि बरामद शवों में नेपाल मूल के मजदूर भी शामिल हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार को बरामद शवों के आसपास मलबे में काफी बदबू थी, जिसके बाद जब सरिया और पत्थर हटाए गए तो एक क्षतिग्रस्त मकान के भीतर और बाहर पांच शव मिले. एक पैर भी अलग से बरामद हुआ.

राहत और खोज कार्य

बताया गया कि शनिवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) ऊखीमठ के कर्मियों और मजदूरों की ओर से सड़क से मलबा और बोल्डर हटाने का काम चल रहा था. उसी दौरान पुलिस टीम ने मौके पर तलाश शुरू की तो मकान के अवशेषों से बदबू आने पर गहराई में खुदाई की गई, जहां शव मिले. सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

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आपदा का संक्षिप्त विवरण और वर्तमान स्थिति

यह हादसा 28/29 अगस्त की रात को तब हुआ था जब छेनागाड़ क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मची थी. मूसलाधार बारिश और मलबे में कई घर और सड़कें बह गई थीं. इस आपदा में नौ लोग लापता हुए थे, जिनमें चार नेपाल मूल के मजदूर भी शामिल थे. तब से जिला प्रशासन, SDRF और DDRF की टीमें लगातार सर्च और रेस्क्यू अभियान चला रही हैं.

थाना प्रभारी रंजीत खनेड़ा ने बताया कि अब तक सात शव और दो पैर बरामद किए जा चुके हैं. दो लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है. उन्होंने कहा कि राहत टीमों द्वारा मलबा हटाने और खोज अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि लापता व्यक्तियों का पता लगाया जा सके और उनके परिजनों को राहत मिल सके.