उत्तराखंड रोडवेज को 130 नई आधुनिक बसों की सौगात, पहाड़ों में सफर का मजा होगा दोगुना
Uttarakhand Roadways: उत्तराखंड रोडवेज की अधिकतर बसें पुरानी हो गई हैं. जिससे पर्वतीय मार्ग पर सफर के दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन जल्द ही इससे यात्रियों को निजात मिलेगी.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में रोडवेज बसों का सफर अब और आरामदायक होने वाला है. परिवहन निगम को जल्द ही 130 नई बीएस-6 मॉडल की बसें मिलेंगी, जो विशेष रूप से पर्वतीय मार्गों के लिए तैयार की गई हैं. इन बसों को टाटा कंपनी ने तैयार किया है.
यह विशेष बसें 15 अक्तूबर 2024 तक उत्तराखंड परिवहन निगम को सौंप दी जाएंगी. इन नई बसों के आने से पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा और आराम मिलेगा. निगम ने टाटा कंपनी से अपने तकनीकी कर्मचारियों और चालकों इन बसों के रखरखाव से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण देने की मांग की है, जिससे इनका संचालन सही तरीके से किया जा सके.
महाप्रबंधक ने कंपनी को भेजा पत्र
परिवहन निगम के महाप्रबंधक (तकनीकी) अनिल सिंह गर्ब्याल की ओर से टाटा कंपनी को एक पत्र भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि चूंकि उत्तराखंड रोडवेज पहली बार इन बीएस-6 मॉडल की बसों का संचालन करने जा रहा है, इसलिए इसके लिए विशेष तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी.
अनिल सिंह गर्ब्याल पत्र में कहा लिखा कि परिवहन निगम के सभी पर्वतीय डिपो जैसे अल्मोड़ा, भवाली, रानीखेत, बागेश्वर, काठगोदाम, हल्द्वानी, रामनगर, लोहाघाट, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, श्रीनगर और कोटद्वार डिपो को यह नई बसें उपलब्ध कराई जाएंगी.
महाप्रबंधक ने टाटा कंपनी से अनुरोध किया है कि वह सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों के संपर्क नंबर साझा कर रही है, जिससे डिपो के तकनीकी कार्मिकों और चालकों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण दिया जा सके.
उन्होंने बसों के संचालन के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर और इससे संबंधित तकनीकी जानकारी भी प्रदान करने की मांग की है, ताकि बसों का संचालन बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से किया जा सके और यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो.
लंबे समय से लटकी थी बसों की खरीद
गौरतलब है कि इन नई बसों की खरीद का काम लंबे समय से लटका हुआ था. उत्तराखंड रोडवेज में पिछले कुछ समय से नई बसों की कमी महसूस की जा रही थी. खासकर पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को पुराने वाहनों की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
अब एसीजीएल गोवा में तैयार की गई इन बसों की खरीद प्रक्रिया आखिरकार पूरी हो रही है. बसों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगम ने एक विशेषज्ञ टीम को गोवा भेजा है, जो इन बसों की गहन जांच कर रही है.
पिछली बसों की खरीद में कई खामियां सामने आई थीं, जिसके कारण इस बार निगम अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है. विशेषज्ञ टीम बसों की तकनीकी और संरचनात्मक जांच करने के बाद ही उन्हें उत्तराखंड लाने की अनुमति देगी, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो.
नई बसें इन विशेषताओं से है लैस
इन नई बीएस-6 मॉडल की बसों के आने से उत्तराखंड के पर्वतीय मार्गों पर सफर करना न सिर्फ आसान होगा बल्कि अधिक सुरक्षित भी होगा. बीएस-6 तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है. इसमें पुराने मॉडल की तुलना में कम ईंधन का खर्च आता और कम प्रदूषण होता है. इन बसों में यात्रियों के आराम और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
बसों में आधुनिक इंजन तकनीक का उपयोग किया गया है, जो न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी इन बसों को आसानी से संचालित करने में मदद करेगा. इन बसों के आने से पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा की सुविधा मिलेगी.
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