Uttarakhand Snowfall: उत्तराखंड की नीती घाटी में नए साल का जश्न मनाने गए ऋषिकेश के पांच पर्यटक बर्फबारी की वजह से पांच दिनों तक फंसे रहे. नीती घाटी में हुई बर्फबारी में इनकी कार फंस गई, जिसके बाद वो निकल नहीं पाए. आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने उनकी मदद की और उन्हें अपने कैंप में रहने और खाने-पीने की व्यवस्था प्रदान की.
बताया जा रहा है कि 27 दिसंबर को ऋषिकेश के पांच पर्यटक आशीष, राहुल, सूरज, राघव और एक अन्य व्यक्ति अपनी कार से नीती घाटी घूमने गए थे. यात्रा के दौरान मलारी से तीन किलोमीटर आगे गमशाली में उनकी गाड़ी बर्फ में फंस गई. इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही थी, जिससे सड़क पर वाहन संचालन असंभव हो गया. पर्यटकों के पास भोजन और पानी सीमित मात्रा में था, लेकिन आईटीबीपी की तत्परता से उन्हें सुरक्षित कैंप में ले जाया गया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियोइन पर्यटकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई था, जिसके बाद इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक हुई. वीडियो में आशीष ने बताया कि वे 27 दिसंबर को नीती घाटी पहुंचे थे और बर्फबारी के कारण गमशाली में फंस गए. उन्होंने प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन बर्फबारी के चलते मार्ग खोलने का काम तुरंत शुरू नहीं हो सका. 29 दिसंबर को मौसम साफ हुआ, जिसके बाद बर्फ हटाने का काम शुरू हुआ.
ये वीडियो 31 दिसंबर को एक स्थानीय महिला द्वारा बनाया गया और साझा किया गया. इस वीडियो में पर्यटकों ने बर्फ में फंसे होने और उनके बचाव के लिए की गई आईटीबीपी की सहायता का जिक्र किया. आईटीबीपी ने पर्यटकों को अपने मलारी कैंप में सुरक्षित आश्रय दिया. इसके साथ ही बर्फ हटाने के लिए बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) ने सड़क से बर्फ साफ करने का काम शुरू किया. हालांकि, अभी भी इस मार्ग पर केवल टायर में चेन लगाए वाहन ही चल पा रहे हैं. बीआरओ अधिकारियों ने बताया कि सड़क पूरी तरह खोलने में कुछ और समय लग सकता है.
आईटीबीपी के जवानों ने की मददबर्फबारी के बीच फंसे पर्यटक सूरज जोशी ने बताया कि बर्फ हटाने वाली मशीन के साथ वे बुरांस नाम की जगह तक पहुंचे और फिर आईटीबीपी कैंप में रुके. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द ही गंतव्य तक पहुंचा दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटकों ने बिना किसी सूचना के इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में यात्रा की थी. डीएम ने चेतावनी दी कि पर्यटकों को इन क्षेत्रों में जाने से पहले प्रशासन को सूचित करना चाहिए और जारी एडवाइजरी का पालन करना चाहिए.
बर्फबारी के कारण नीती घाटी की सड़कें अभी भी पूरी तरह से खुली नहीं हैं. बीआरओ ने अधिकांश बर्फ हटा दी है, लेकिन बर्फीली सतह के कारण केवल चेन वाले वाहनों को ही चलने की अनुमति दी गई है. प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक सड़क पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो जाती, तब तक यात्रा से बचना चाहिए. ये घटना एक चेतावनी भी है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा से पहले सुरक्षा और प्रशासनिक दिशानिर्देशों का पालन बेहद जरूरी है.