Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार राज्य में बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या दबाव को देखते हुए चार नए शहर बसाने जा रही है. गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में दो-दो नए शहर विकसित किए जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने योगनगरी ऋषिकेश को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए विशेष प्रावधान किए हैं. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट में शहरी विकास को उच्च प्राथमिकता दी है, जिसमें अवस्थापना सुविधाओं, अर्बन मोबिलिटी, वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर रिसाइक्लिंग सिस्टम जैसी योजनाओं पर बल दिया गया है.

राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण को देखते हुए सरकार ने नई आवास नीति तैयार करने का निर्णय लिया है. इस नीति के तहत सभी आय वर्ग के व्यक्तियों को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के अंतर्गत ड्रेनेज, सड़क, नालियों का निर्माण, रैन बसेरों का संचालन, हाईटेक शौचालयों का निर्माण और स्थानीय निकायों के पार्कों के विकास का कार्य किया जा रहा है.

प्रदेश में 4 नए शहरों की स्थापनासरकार ने शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या दबाव कम करने के लिए चार नए शहरों की स्थापना की योजना बनाई है. ये शहर गढ़वाल और कुमाऊं में बसाए जाएंगे, जिससे वर्तमान शहरी केंद्रों पर दबाव कम होगा और बेहतर नगरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी.

योगनगरी ऋषिकेश को वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं बनाई हैं. गोविंदनगर (ऋषिकेश) में लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत 6.45 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृत की है. इस योजना के तहत लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए अतिरिक्त धनराशि रिंग फेन्स्ड अकाउंट से प्रदान की जाएगी. 

शहरी विकास के लिए 1100 करोड़ का बजट प्रस्तावित इसके अलावा, इस क्षेत्र में पार्क का सौंदर्यीकरण और ओपन जिम आदि का निर्माण भी किया जाएगा. रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर और देहरादून में भी लीगेसी वेस्ट निस्तारण के कार्य किए जाएंगे. सरकार ने इन शहरों को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है.

आगामी वित्तीय वर्ष में शहरी विकास के लिए 1161.49 करोड़ रुपये और आवास विकास विभाग के लिए 388.64 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 207.18 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 54.12 करोड़ रुपये और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) आवास योजना के लिए 25 करोड़ रुपये अनुदान का प्रावधान किया गया है.

रोजगार के अवसरों में होगी वृद्धिनए शहरों और ऋषिकेश के विकास के साथ ही, राज्य सरकार अन्य शहरी क्षेत्रों में भी बुनियादी ढांचे को सशक्त करने पर जोर दे रही है. अर्बन मोबिलिटी बढ़ाने, वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर रिसाइक्लिंग सिस्टम जैसी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल शहरी मॉडल के रूप में विकसित करना है.

राज्य सरकार की ये योजनाएं उत्तराखंड के शहरी विकास को नई दिशा देंगी और नागरिकों के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी. नए शहरों की स्थापना से राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी.

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