Champawat News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चंपावत (Champawat) जिले में देवीधुरा के मां वाराही धाम में बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023) के पर्व पर बग्वाल (पत्थरमार युद्ध) खेला गया. इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Puhskar Singh Dhami) और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) भी यहां पहुंचे और इस बग्वाल के साक्षी बने.


इस दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल हुए. बग्वाल के दौरान आस्था के नाम पर राखी बंधे हाथों ने एक दूसरे पर फूलों, फलों के साथ ही पत्थरों की भी बौछार की लोगों ने जमकर एक दूसरे पर फूल, फल और पत्थर मारे. इस बार भी चार खामों (समूह) के बीच खेली गयी बग्वाल आठ मिनट चली और इस दौरान 100 से अधिक लोग घायल हुए. गंभीर रुप से घायल दो लोगों को उच्च स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है. जहां उनका इलाज किया जा रहा है. 


8 मिनट तक चला बग्वाल 


मां वाराही धाम के मंदिर में सुबह छह बजे पीठाचार्य कीर्ति बल्लभ जोशी के नेतृत्व में विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ. जिसके बाद दोपहर 2:14 बजे से शंखनाद के साथ चारों खामों ने फलों के साथ ही पत्थरों के टुकड़ों और लाठी-डंडों के साथ बग्वाल शुरू कर दिया. करीब आठ मिनट बाद ही 2:22 बजे चंवर झुलाते हुए पुजारी ने शंखनाद के साथ बग्वाल समापन की घोषणा की और बग्वाली वीरों को आशीर्वाद दिया.


हालांकि, फल और फूल से ही बग्वाल खेलने की अनुमति थी लेकिन लोगों द्वारा किए गए पत्थर और ईंट के प्रहार से 100 से अधिक लोग घायल हो गए जिनका देवीधुरा के अस्पताल और मेले में लगे शिविर में उपचार किया गया. इसके अलावा, मामूली रूप से चोटिल हुए कई दर्शक बगैर उपचार के ही घरों को लौट गए.


चंपावत के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके अग्रवाल ने बताया कि बग्वाल में 100 से अधिक लोग घायल हुए. बग्वाल के दौरान चंपावत के जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा भी मौजूद रहे. 


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