उत्तराखण्ड पुलिस की सीबीसीआईडी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता हासिल करते हुए लंबे समय से फरार चल रहे वांछित अपराधी जगदीश पुनेठा को दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया है. आरोपी पर फर्जी निवेश योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी, संगठित गिरोह बनाकर अवैध संपत्ति अर्जित करने और कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहने के गंभीर आरोप हैं,
पिथौरागढ़ निवासी लीलाधर पाटनी की शिकायत पर वर्ष 2021 में FIR No. 239/2021 दर्ज की गई थी, जिसमें जगदीश पुनेठा, ललित पुनेठा, चंद्र प्रकाश पुनेठा और पंकज शर्मा पर निर्मल बंग कमोडिटी में निवेश का लालच देकर आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा. ललित पुनेठा और पंकज शर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि लगातार फरार रहने पर जगदीश पुनेठा के विरुद्ध कुर्की और मफरूरी की कार्रवाई की गई थी,
जगदीश पुनेठा पर दर्ज हैं ठगी के कई मामले
जगदीश पुनेठा पर शेयर बाजार, रॉयल पैन्थर प्रा. लि., मात्रछाया आभूषण कंपनी सहित विभिन्न माध्यमों से लोगों से ठगी के कई मामले पंजीकृत हैं. इसी क्रम में अवैध आर्थिक लाभ के लिए संगठित गिरोह चलाने पर FIR No. 11/2023 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई थी. आरोपी पर वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड पुलिस ने ₹50,000 का इनाम घोषित किया था.
CBCID की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
सीबीसीआईडी की विवेचना में खुलासा हुआ कि आरोपी और उसके सहयोगियों ने लगभग ₹15.17 करोड़ की धोखाधड़ी की तथा ₹2.22 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की. पिथौरागढ़ पुलिस के इनपुट के आधार पर उसके दुबई में छिपे होने की पुष्टि होने पर इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया गया.
अबू धाबी इंटरपोल की मदद से जगदीश पुनेठा गिरफ्तार
इसके बाद अबू धाबी इंटरपोल की सहायता से जगदीश पुनेठा को गिरफ्तार किया गया. उत्तराखण्ड पुलिस की टीम—एएसपी सीबीसीआईडी मनोज कुमार ठाकुर (टीम लीडर), ललित मोहन जोशी और सतीश कुमार शर्मा—को 10 नवंबर को दुबई भेजा गया. सुरक्षा मिशन की सफलता के बाद 13 नवंबर को आरोपी को भारत लाया गया. जगदीश पुनेठा को पिथौरागढ़ न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है. उत्तराखण्ड पुलिस इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी कामयाबी मान रही है.