Uttarakhand Nikay Chunav: हरिद्वार के भगवानपुर में नगर निकाय चुनाव के दौरान कथित गड़बड़ियों और पुलिस की सख्ती को लेकर कांग्रेस विधायक ममता राकेश का रोते हुए विरोध जताने वाला वीडियो अब सुर्खियों में है. वीडियो में तीन बार की विधायक भावुक होकर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए फूट-फूट कर रो रही हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर दी है.
भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश दिवंगत कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की पत्नी हैं. उन्होंने मतदान के दिन गड़बड़ियों का आरोप लगाया इस दौरान वो बेहद आहत दिखीं. वायरल वीडियो में वह भावुक होकर कहती नजर आ रही हैं, "यह लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है. मतदाताओं को डराया-धमकाया गया और मतदान प्रक्रिया को बाधित किया गया."
कांग्रेस विधायक का रोते हुए वीडियो वायरलदरअसल निकाय चुनाव की वोटिंग के दिन वार्ड नंबर 5 में बाहरी लोगों द्वारा मतदाताओं को धमकाने और पुलिस लाठीचार्ज की घटनाओं के वीडियो सामने आए थे. आरोप है कि पुलिस ने लाइन में खड़े मतदाताओं को शाम 5 बजे के बाद लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया और मीडिया को जबरन मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया. सूचना मिलते ही विधायक ममता राकेश अपने बेटे अभिषेक राकेश और सैकड़ों समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पहुंचीं. लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोका गया. जिसके बाद वो गेट के सामने ही धरने पर बैठ गईं.
कार्यकर्ताओं के साथ किया धरना प्रदर्शनकांग्रेस विधायक ने इस दौरान प्रशासन और सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह लोकतंत्र की हत्या है. जिन लोगों ने वोट डालने की उम्मीद में घंटों इंतजार किया, उन्हें लाठी से पीटकर भगा दिया गया. ये कहते हुए कई बार रोने लगीं. इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है और भगवानपुर व आसपास के क्षेत्रों में ये मामला बड़ा मुद्दा बन गया है. कांग्रेस समर्थकों ने इस दौरान 'लोकतंत्र बचाओ' और 'प्रशासन मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाए.
पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे वीरेंद्र रावत भी धरने पर पहुंचे और विधायक के साथ बैठकर अपना समर्थन जताया. मौके पर पहुंचे एसडीएम भगवानपुर जितेंद्र कुमार और सीओ मंगलौर ने विधायक और उनके समर्थकों को शांत कराने की कोशिश की. एसडीएम ने कहा, "मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस को तैनात किया गया था. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग हुआ। मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी."
भगवानपुर की घटना के बाद कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है, जबकि भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे हार का डर बताया है.