उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने बीजेपी पर चुनावों के दौरान झूठ का सहारा लेकर जनता का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया है. हरीश रावत ने अपने पोस्ट की शुरुआत ‘सत्यमेव जयते’ से करते हुए कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग ही असत्य का सहारा लें, तो सत्य की जीत कैसे संभव हो सकती है.

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हरीश रावत ने लिखा कि वर्ष 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड में बीजेपी ने झूठे वादों और भ्रामक प्रचार के जरिए जनता को गुमराह किया. उनका आरोप है कि बीजेपी का यह झूठ लोगों का ध्यान उनकी वास्तविक समस्याओं- जैसे विकास, रोजगार और जनकल्याण- से हटाने के लिए किया गया. इसके परिणामस्वरूप राज्य को बीते लगभग नौ वर्षों से कुशासन झेलना पड़ रहा है.

पलायन और बेरोजगारी बढ़ी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आज निरंतर बढ़ते पलायन, जंगली जानवरों के हमलों में हो रही निर्दोष लोगों की मौत, बढ़ती बेरोजगारी, असंतुलित विकास, महिलाओं और कमजोर वर्गों पर बढ़ते अत्याचार तथा लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है. हरीश रावत का दावा है कि ये सभी समस्याएं उसी ‘झूठ की राजनीति’ का परिणाम हैं, जिसकी कीमत राज्य की आम जनता चुका रही है.

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हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी एक बार फिर झूठ का सहारा लेकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि उन्होंने तय कर लिया है कि चाहे उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े, लेकिन वे बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करेंगे. उन्होंने लिखा कि इसके लिए कुछ कदम वे स्वयं उठाएंगे और कुछ कदम पार्टी स्तर पर उठाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से परामर्श करेंगे.

हरीश रावत ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष फिलहाल कुछ अन्य कार्यों में व्यस्त हैं, लेकिन जैसे ही देहरादून में उनकी उपलब्धता होगी, उनसे चर्चा के बाद आगे की रणनीति और उठाए जाने वाले कदमों की घोषणा की जाएगी.

बीजेपी को हराने का किया दावा

अपने पोस्ट के अंत में हरीश रावत ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार ‘झूठ की हांडी’ किसी भी कीमत पर नहीं चढ़ने दी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को निश्चित रूप से पराजय का सामना करना पड़ेगा. हरीश रावत ने साफ शब्दों में कहा कि जनता के सवालों से ध्यान हटाने का खेल अब नहीं चलेगा.