Uttarakhand News: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह (Lieutenant General Gurmit Singh) आज नैनीताल (Naintal) के आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान यानी एरीज पहुंचे. जहां उन्होंने न केवल यहां लगी 50 साल पुरानी टेलिस्कोप की तारीफ की बल्कि इसका इस्तेमाल करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने एस्ट्रो विलेज (Astro Village) के कॉन्सेप्ट की बहुत सराहना करते हुए प्रदेश में बढ़ते अपराध पर रोक लगाने की बात कही. 

एरीज पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह

नैनीताल के आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान(एरीज)में मंगलवार को राज्यपाल ले.जनरल(से.नि.)गुरमीत सिंह शोध संस्थान के पूर्व कर्मचारियों से मिले. उन्होंने साइंटिस्ट, शोधकर्ता, प्रशासक, ऑफिस स्टाफ, ड्राइवर और माली के पदों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. ऑब्जर्वेटरी(वर्तमान एरीज) में 50 वर्ष पहले लगी 104 मिलीमीटर की दूरबीन ने ब्रह्मांड में इस दौरान सराहनीय खोजें की. जिसपर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी राज्यपाल को दिखाई गई. दरअसल मनोरा पीक जैसा स्थान भारत के उत्तर और पूर्वी हिमालय क्षेत्र में से चुना गया, क्योंकि यहां तब पर्यावरण बहुत स्वच्छ था. इससे पहले ये दूरबीन वाराणसी से 1955 में नैनीताल के देवी लॉज में बनाई गई. इसके बाद मनोरा पीक में ऑब्जर्वेटरी को स्थापित करने के साथ ही यहां 104 एम.एम.की टेलिस्कोप स्थापित की गई. जिसका निर्माण 1968 में जर्मनी की मदद से शुरू होकर 1972 में पूरा हुआ. वर्ष 2004 में उत्तराखंड सरकार के इसे चला पाने में अक्षम होने के बाद डॉ.मुरली मनोहर जोशी, स्वर्गीय बच्ची सिंह रावत और तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की पहल के बाद इसे केन्द्र सरकार को सौंप दिया गया. अब इसका नाम आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज(एरीज)रख दिया गया है.

सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किया सम्मानितइस मौके पर राज्यपाल ने उन 27 सदस्यों को सम्मानित किया जिन्होंने इस टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर एरीज को बुलंदियों तक पहुंचाया. सेवानिवृत्त विपिन चंद पंत, दीवान सिंह नेगी, दीप चंद पंत, दीवान राम, गिरीश चंद गिरी, गणेश दत्त जोशी, हरीश चंद हरबोला, जगमात पांडे, पूरान चंद सनवाल, सोहन चंद नौटियाल, बी.सी.आर्या, ललित मोहन पाठक, राम सागर, नवीन किशोर आदि कर्मचारियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.

एरीज के निर्देशक डॉ.दीपांकर बैनर्जी ने कहा कि उन्होंने 104 एम.एम.टेलिस्कोप को 50 वर्षों से सराहनीय काम करने पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ सम्मान दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि युवाओं को इस फील्ड में लाने के लिए वो अलग अलग कार्यशालाएं कराकर आकर्षित करेंगे. राज्यपाल ने कहा कि ऐस्ट्रोनोमी के लिए ऐस्ट्रो विलेज का कांसेप्ट क्षेत्र में विकास का काम करेगा. प्रदेश में बढ़ रहे अपराध के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब कोई अपराध नहीं होगा. 

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