DIG Manu Maharaj: फिल्मों में पुलिस अफसरों के 'सिंघम' अवतार को तो आपने खूब देखा होगा, लेकिन आज हम आपको असल जिंदगी के सिंघम आईपीएस अफसर मनु महाराज (Manu Maharaj) के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें बिहार के सुपर कॉप के नाम से भी जाना जाता है. मनु महाराज बिहार कैडर के 2005 बैच के अफसर हैं. 7 साल पटना में एसएसपी रहने के बाद मनु महाराज इन दिनों उत्तराखंड में बतौर डीआईजी आईटीबीपी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं. 

 

रियल लाइफ सिंघम हैं डीआईजी मनु महाराज

मनु महाराज उत्तराखंड में आइटीबीपी के डीआईजी हैं. जिनके अंदर 5 बटालियन आती हैं, जिसमे हर्षिल और जोशीमठ है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर  मनु महाराज उत्तराखंड में डीआईजी आईटीबीपी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. मनु महाराज की दिलेरी अपराधियों के पसीने छुड़ा देती है. कहते हैं बहुत कम उम्र से ही उनसे में अपराधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का जज्बा आ गया था. उनकी बहादुरी के तमाम ऐसे किस्से हैं जो किसी को भी दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर देंगे. 



मनु महाराज के नाम से कांपते हैं अपराधी

मनु महाराज के नाम से न सिर्फ अपराधी थर-थर कांपते हैं बल्कि पुलिसवाले भी पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाते हैं. जब उनकी तैनाती बिहार में थी तो उन्होंने बिहार कर्मचारी चयन आयोग के नियुक्ति घोटाले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार की भी गिरफ्तारी की थी. जब तक वो बिहार में रहे सीएम नीतीश कुमार के बेहद विश्वसनीय अफसरों में गिने जाते थे. राज्य में जहां कहीं भी कानून व्यवस्था बिगड़ती हैं तो मनु महाराज की वहां पोस्टिंग कर दी जाती हैं.

 

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मनु महाराज अपने किसी भी ऑपरेशन में टीम को खुद लीड करते है. उनके इसी निर्भीक अंदाज के कारण वे लोगों में सिंघम नाम से मशहूर हैं. पटना में एसएसपी रहने के दौरान उन्होंने गैंगवार से निपटने के लिए खुद ही अपने हाथों में एके-47 उठा ली थी और मौके पर पहुंच गए थे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई थीं. यही नहीं जब वो गया जिले में तैनात थे तो उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कई ऑपरेशन को अंजाम दिया. उनके इस दबंग अंदाज को देखकर युवाओं में उन्हें लेकर काफी क्रेज रहा है. 


 

उत्तराखंड में अलग तरह की चुनौतियां

मनु महाराज की तैनाती इन दिनों उत्तराखंड में हैं. ये एक ऐसा राज्य है जिसकी सीमाएं चीन और नेपाल से लगती है ऐसे में उनके सामने दोनों देशों से लगने वाले सीमा क्षेत्र को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं. चीन के साथ तो भारत के पहले से ही रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं पिछले कुछ दिनों में नेपाल ने भी भारत को आंख दिखाने की कोशिश की है. ऐसे में सीमाओं की सुरक्षा करना और भी अहम हो जाता है. 

 

डीआईजी मनु महाराज का कहना है कि हमारे जवान अलर्ट है, तैयार है, और युद्ध भी हो जाए तो भी वो हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं. आईटीबीपी में हिमवीर हो या हिम वीरांगनाएं  दुश्मन अगर आंख दिखाएगा तो उसको उसी अंदाज में जवाब देने के लिए तैयार हैं. चीन और नेपाल सीमा से लगी उत्तराखंड सीमा पर मनु महाराज की निगरानी में हिमवीर काम कर रहे है. महाराज का कहना है कि दुश्मन को उसी के अंदाज में जवाब देने की हिम्मत आईटीबीपी रखती है. 

 

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