Mussoorie Accident News: मसूरी (Mussoorie) माल रोड में हुए हादसे के बाद डंपर चालक की मौत हो गई, जिसके बाद मसूरी और आसपास के क्षेत्रों के लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. मसूरी में डंपर चालक का उप जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम होने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया हैं. वहीं ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम हाउस के पास टिहरी बाईपास रोड पर कुछ देर का जाम लगाकर स्थानीय प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और मसूरी नगर पालिका परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सड़क के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पडा. 


ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण माल रोड धंसी है, जिस कारण डंपर गिर गया और चालक की मौत हो गई है. डंपर चालक घर में अकेला कमाने वाला था. वहां उसके घर में चार छोटे बच्चे हैं जो नाबालिग हैं. घर के लोगों का पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है. उन्होंने प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों से मांग की है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये. ग्रामीणों ने कहा कि मांग पूरी ना होने पर डंपर चालक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी पीड़ित परिवार को लिखित आश्वासन दें नहीं देते तो वे डंपर चालक के शव को लेकर मसूरी के गांधी चौक पर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर प्रदर्शन करेंगे.


मागें पूरी नहीं होने तक प्रदर्शन
वहीं लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और मसूरी नगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही के कारण माल रोड में अनियोजित तरीके से पुनर्निर्माण का काम किया जा रहा है, जिसका खामियाजा मसूरी की जनता के साथ पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में बुधवार को शाम के समय माल रोड का एक भाग धंसने के कारण डंपर चपेट में आ गया, जिससे कि डंपर चालक की मौके पर मौत हो गई. वहीं हेल्पर की भी हालत गंभीर बनी हुई है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वह अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे.


मुआवजे को लेकर बनी सहमति
वहीं करीब 5 घंटे के बाद प्रशासन और पीड़ित परिवार में मुआवजे को लेकर सहमति बनी.  एसडीएम मसूरी नंदन कुमार के नेतृत्व में पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से कई बार की वार्ता करने के बाद सहमति बनी, जिसमें पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये देने और डेली वेजेस पर परिवार के एक सदस्य को लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार द्वारा नौकरी दी जायेगी. जिस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये नगद दिये गए व 15 लाख रुपये की किस्त बनाई गई जो हर माह दी जायेगी. इसके बाद ग्रामीणों द्वारा मृतक के शव को गांव ले जाया गया और यमुना नदी में अंतिम संस्कार किया गया.


Uttarakhand News: पूर्व सीएम हरीश रावत की किताब को लेकर सियासत शुरू, सीएम धामी सहित बीजेपी विधायक ने कसा तंज