Uttarakhand News: सचिवालय में शुक्रवार को नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें यात्रा के सफल, सुरक्षित व भव्य संचालन के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई. बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को यात्रा मार्ग की मरम्मत, स्वच्छता, पेयजल, भोजन, विश्राम स्थल, शौचालय, सुरक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और जनभावनाओं का प्रतीक है. इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी मूलभूत सुविधाएं समय रहते उपलब्ध करा दी जाएं. इसके अलावा यात्रा मार्ग की मरम्मत और स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा गया. साथ ही, पर्याप्त संख्या में मोबाइल और स्थायी शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. भोजन और पेयजल की उचित उपलब्धता के लिए पड़ाव स्थलों पर व्यवस्था करने और विश्राम स्थलों को सुसज्जित व स्वच्छ बनाए रखने पर भी ज़ोर दिया गया.
यात्रा मार्ग को प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा घोषितबैठक में यह भी तय हुआ कि यात्रा मार्ग को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा. इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और यात्रा का स्वरूप अधिक पवित्र और रमणीय बनेगा. इसके साथ ही यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों को प्रदेश की सांस्कृतिक झलकियों से सजाने का भी निर्णय लिया गया, जिससे श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति का परिचय मिल सके
संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के निर्देश दिए गए. साथ ही, ड्रोन कैमरों के माध्यम से यात्रा की निगरानी करने, मौसम की रीयल टाइम जानकारी देने वाले सिस्टम को सक्रिय करने और आपदा की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती का निर्णय भी लिया गया. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अस्थायी हेलीपैड बनाने की योजना भी बैठक में रखी गई.
प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों को जोड़ने की रणनीतिबैठक में यह भी तय किया गया कि प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों को भी इस यात्रा से जोड़ने के लिए विशेष रणनीति बनाई जाएगी. इसके तहत ट्रैकिंग में रुचि रखने वाले युवाओं और पर्यटकों के लिए विशेष टूर पैकेज तैयार किए जाएंगे. इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया का सहारा लिया जाएगा, ताकि देश-विदेश में बसे उत्तराखंडी इस आस्था यात्रा से भावनात्मक रूप से जुड़ सकें. यात्रा मार्ग पर इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर करने के निर्देश भी दिए गए, जिससे संचार व्यवस्था बाधित न हो और आपात स्थिति में तुरंत सूचना प्रेषित की जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा से पूर्व सभी तैयारियों को पूर्ण कर लिया जाएगा. इस पौराणिक यात्रा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है. नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड के पर्वतीय जनजीवन, आस्था, परंपरा और लोक संस्कृति का अद्वितीय संगम है, और इस बार की यात्रा को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है. सरकार का यह प्रयास है कि श्रद्धालुओं को न केवल एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिले, बल्कि वे उत्तराखंड की प्रकृति, संस्कृति और परंपरा से भी गहराई से जुड़ सकें.
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