27 जुलाई को हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में पैदल मार्ग पर रविवार को सुबह 9 बजे भगदड़ मच गई थी हादसे में एक 10 साल के बच्चे सहित लगभग 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और इस घटना में 28 लोग घायल हुए हैं . 

भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने बताया कि भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवार पर लगी बिजली की तार पकड़ता पर करंट लगने का दावा किया मार्ग पर बनी दीवार पर तार पकड़कर श्रद्धालु आगे की तरफ बढ़ रहे थे और करंट लगने के बाद भगदड़ मच गई. 

मीडिया से बातचीत में चश्मदीद ने क्या कहा?फरीदाबाद से संतोष कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि एक ही मार्ग से लोग आ और जा रहे थे. कुछ लोग पीछे और कुछ लोग आगे की तरफ बढ़ रहे थे दीवार पर कुछ लोग तार पकड़कर चल रहे थे. चश्मदीद ने दावा किया जैसे ही तार जली उस पर करंट फैल गया जिसकी वजह से 10 से 12 लोग नीचे गिर गए और वह अपने परिवार के लोगों से बिछड़ गए. 

किसी तरह उन्होंने खुद को बचाया नीचे गिरे हुए लोगों को ऊपर से ही लोग भागने लगे. संतोष ने यह भी बताया कि रास्ते में करंट होने के दावे के बाद लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे साइड में दुकानों के पीछे तार लगे हुए थे जिन्हें पड़कर लोग चढ़ने लगे तो करंट लगना शुरू हुआ और फिर भगदड़ की स्थिति बन गई. उन्होंने बताया कि एक ही मार्ग पर लोग आ और जा रहे थे.

पुलिस एसपी ने क्या कहा?वही हरिद्वार के एसपी परमेंद्र सिंह डोभाल के मुताबिक रविवार सुबह 9:00 बजे पुलिस को सूचना मिली की मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर भगदड़ मचने से कुछ लोग घायल हो गए हैं. इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तमाम घायलों को उठाकर जिला अस्पताल में लाया गया. जहां श्रद्धालुओं का इलाज शुरू हुआ, वहीं इलाज के दौरान दो लोगों ने दम तोड़ दिया जबकि 6 लोग पहले ही मर चुके थे. 

वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया. एसपी का कहना है की प्रथम दृष्टिया मामले में सामने आया कि बिजली के तार से करंट आने की अफवाह फैली थी जिसके बाद भगदड़ मच गई अभी इसके पीछे के कर्म की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकता है.

सीएम धामी ने दिए हैं मजिस्ट्रेट जांच के आदेशवही इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं घायलों के लिए 50- 50 हजार और मरने वालों के लिए दो-दो लाख रुपए की घोषणा मुख्यमंत्री धामी ने की है जबकि मंदिर समिति ने मरने वालों के लिए पांच पांच लाख की घोषणा की है. 

घायलों के लिए भी राहत राशि की घोषणा की गई है लेकिन यह बात अभी तक साबित नहीं हो पाई है कि किसी को करंट लगा था या नहीं इसको लेकर विद्युत विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी तरह से किसी भी तर में कोई भी लीकेज नहीं पाया गया है.

फिलहाल अब इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं जांच के बाद ही कुछ साफ हो सकता है कि यह घटना आखिर कैसे घटी अफवाह कैसे फैली और किन कर्म से निर्दोष श्रद्धालुओं की जान गई.