Uttarakhand News: उत्तराखंड में हरिद्वार मां मनसा देवी पर्वत श्रृंखला में लैंडस्लाइड की घटनाओं के बाद वैज्ञानिकों द्वारा इसका सर्वे किया गया था. जिसमें पर्वत श्रृंखला को कमजोर पाया गया था. वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद शासन द्वारा हरिद्वार जिला प्रशासन को पर्वत श्रृंखला पर भूस्खलन रोकने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन भी हरकत में आया. 


जिलाधिकारी द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को मनसा देवी पर्वत श्रृंखला में लैंडस्लाइड रोकने के लिए अस्थायी उपचार शीघ्रता से किये जाये को लेकर आदेश दिए गए. जिससे वर्षा काल में भू-स्खलन न हो सके. सिंचाई विभाग द्वारा तैयार डीपीआर के परीक्षण के लिए आईआईटी रूड़की, सिंचाई विभाग, लोनिवि, आपदा प्रबन्धन, वन तथा नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया. 


भूस्खलन से पर्वत के नीचे आबादी क्षेत्र में खतरा
पर्वत श्रृंखला पर होने वाले भूस्खलन के कारण नीचे आबादी क्षेत्र में भी खतरा बना हुआ हैं. क्योंकि भूस्खलन होने के बाद पहाड़ी से मलबा नीचे गिरता है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसी को देखते हुए शासन द्वारा पर्वत श्रृंखला पर भूस्खलन को रोकने के लिए सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं. यहां वर्षाकाल के पहले सभी कार्य कर लिए जाए जिससे भूस्खलन का खतरा न बना रहे. इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों ने आईआईटी के वैज्ञानिकों के साथ स्थल का निरीक्षण कर लिया हैं.


आईआईटी के वैज्ञानिकों ने किया निरीक्षण
सिंचाई विभाग उत्तराखंड की एएक्सएन मंजू डैनी का कहना है की मनसा देवी पर्वत श्रृंखला पर लगातार होने वाले भूस्खलन को लेकर जिलाधिकारी द्वारा डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए थे. उत्तराखंड सिंचाई विभाग द्वारा डीपीआर बनाकर शासन को भेजा गया. जिसके बाद हमारे द्वारा आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक के साथ सिंचाई विभाग, लोनिवि,आपदा प्रबंधन, वन तथा नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया और वर्षा काल से पूर्व ही इस पर कार्य किया जाएगा जिससे पर्वत श्रृंखला पर भूस्खलन की घटनाओं को रोका जा सके.


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