देहरादून: पौड़ी में सरकारी स्कूल खुलने के बाद अब छात्र-छात्राओं के कोर्स को पूरा करवाना शिक्षकों और शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. खासतौर पर बोर्ड परीक्षार्थियों की दिक्कत मई माहीने से शुरू होने वाली परीक्षाओं में न बढ़े इसके लिए शिक्षकों ने कई अहम कदम उठाए हैं.


कारगर साबित नहीं हुई ऑनलाइन पढ़ाई
दरअसल, कोरोना काल के दौरान शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षाथिर्यो के साथ ही अन्य छात्रों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया. छात्र-छात्राओं के कोर्स को पूरा कराने के प्रयास भी किए गए लेकिन, ऑनलाइन पढाई अधिक कारगर साबित नहीं हो सकी. 50 फीसद छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई को बेहतर तरीके से नहीं समझ सके, ऐसे में अब स्कूल खुलने के बाद ऑफलाइन मोड में स्टूडेंट्स के पाठयक्रम को पूरा करवाने के लिए रिवीजन करवाया जा रहा है.


बोर्ड परीक्षाथिर्यों पर फोकस
परीक्षाओं के पहले पाठयक्रम पूरा हो इसके लिए स्टूडेंट्स को एक्सट्रा क्लास भी दी जा रही है. साथ ही सरकारी स्कूलों में वर्चुअल क्लास का सहारा लेकर भी छात्र-छात्राओं की दिक्कतों को दूर करवाया जा रहा है, जिससे परीक्षा के समय उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. स्कूलों में शिक्षकों का अधिक फोकस बोर्ड परीक्षाथिर्यों पर है. छात्रों की मानें तो शिक्षक आमने-सामने छात्रों को जिस तरह से पढ़ा रहे हैं वो तरीका ऑनलाइन पढ़ाई से बेहतर है.


नेटवर्किंग रही बड़ी समस्या
गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने भी माना है कि दूर दराज के क्षेत्रों में नेटवर्किंग एक बड़ी समस्या बनी रही, जिससे 50 फीसद स्टूडेंट्स ही ऑनलाइन पढाई कर पाए. स्कूलों के खुलने के बाद अब छात्र-छात्राएं बेहतर तरीके से परीक्षाओं के लिए तैयार हो पाएंगे.


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