Uttarakhand News: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court)  की वेकेशन कोर्ट ने यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी और मास्टर माइंड हाकम सिंह रावत (Hakam Singh Rawat ) की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए  एसआईटी (SIT) और राज्य सरकार (Uttarakhand Govt) से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. वैकेशन जज आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद की तय की है.                      


वर्ष 2016 में UKSSSC ने प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बीपीडीओ की परीक्षा करवाई थी. इसका पेपर मुख्य आरोपी  हाकम सिंह रावत और कई अन्य आरोपियों ने उत्तराखंड के साथ-साथ यूपी के कई जिलों में  लीक करवाया गया था. एक शिकायत के आधार पर एसआईटी ने देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. इसमें हाकम सिंह रावत नाम भी सामने आया था. एसआईटी की जांच में उसके खिलाफ पेपर लीक के कई सबूत मिले. उन्ही सबूतों के आधार पर  एसआईटी ने उसे 14 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया. 


जमानत याचिका में क्या कहा गया


तब से वो जेल में बन्द है. निचली अदालत ने उसे 31 जनवरी 2023 को इसी के एक मामले में  एसआईटी के सबूत पेश न कर पाने के आधार पर जमानत दे दी, जबकि अन्य आरोपों में नहीं दी है. जमानत याचिका में कहा गया है कि एसआईटी अभी तक उसके खिलाफ निचली अदालत में कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है. जिसकी वजह से उसको एक मामले में जमानत मिल चुकी है और उसी के आधार पर उसे अन्य मामलों में भी जमानत दी जाए.  एसआईटी के पास उसके खिलाफ कोई सबूत उपलब्ध नहीं हैं. न ही उन्होंने अभी तक कोई ठोस सबूत कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं. उसके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वो सब राजनैतिक दुर्भावना से लगाये गए हैं. जबकि वो ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है. वहीं इसी मामले में निचली अदालत ने कई आरोपियों को बिना सबूतों के जमानत दे दी. इसलिए इसका लाभ उन्हें भी दिया जाए.


वकील बोले- हाकम सिंह रावत को बनाया गया मोहरा


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रदीप उप्रेती ने बताया कि हम लोगों ने एक बेल एप्लीकेशन हाईकोर्ट में फाइल की थी. इससे पहले हम लोगों ने निचली अदालत में न्यायालय में बेल एप्लीकेशन फाइल की थी. जिसमें कोई सबूत न होने के कारण उसको बेल प्रदान कर दी गई थी.  जब एसआईटी के पास कोई सबूत ही नहीं हैं, तो किस बात पर उनको जेल में रखा गया है.  हम इस आधार पर जमानत मांग रहे हैं. ये पूरी तरीके से एक पॉलीटिकल स्टंट है. अधिवक्ता ने कहा कि पॉलीटल प्रेशर में हाकम सिंह रावत को मोहरा बनाकर के जेल में रखा गया है. कोर्ट ने तीन हफ्तों के अंदर एसआईटी को और सरकार को जवाब फाइल करने को कहा है.