Hemkund Sahib Story: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) में स्थित विश्व के सबसे उंचाई पर बने गुरूद्वारे हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है. ये कपाट रविवार के दिन पंच प्यारों की अगुवाई में सुबह साढ़े दस बजे खोले गए. इसके साथ ही गुरुद्वारे के पास बने लोकपाल मंदिर के कपाट भी खोल दिए गए हैं.

ऐसे पहुंचे हेमकुंड साहिब

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली में स्थित हेमकुंड साहिब पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है. ये गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली माना जाता है. इस गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए आपको बदरीनाथ के पास गोविंद घाट से पुलना गांव तक मोटर मार्ग से और उसके बाद आपको करीब 17 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करनी पडेगी. रास्ता कठिन होने के बावजूद भी हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए हर दिन 5000 से ज्यादा यात्री पहुंचते हैं.

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जानिए क्या है हेमकुंड साहिब से जुड़ी मान्यता

चमोली का हेमकुंड साहिब का संबंध रामायण काल से है. बताया जाता है कि इस जगह पर पहले एक मंदिर हुआ करता था जोकि भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बनवाया था. वहीं  इस मंदिर में गुरु गोबिंद सिंह ने पूजा-अर्चना भी की थी. जिसका उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वार रचित दशम ग्रंथ में भी किया गया है. कहा जाता है कि गुरु से जुड़े होने की वजह से इस स्थान को गुरुद्वारा घोषित कर दिया गया और गुरुद्वारे के पास लक्ष्मण जी का मंदिर भी है. अब इन दोनों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए है.

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