Uttarakhand News: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2025 के अप्रैल-मई महीने में शुरू होने जा रही है. इससे पहले, बीते साल नवंबर में यात्रा संपन्न होने के बाद शीतकालीन चारधाम यात्रा भी जोरों-शोरों से जारी है. अभी तक 31,000 से अधिक श्रद्धालु शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत देवभूमि के पावन धामों के दर्शन कर चुके हैं.

यात्रा शुरू होने में अब केवल कुछ ही महीने बाकी हैं, जिसके मद्देनजर उत्तराखंड सरकार और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने तैयारियों को गति दे दी है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के प्रचार-प्रसार और श्रद्धालुओं को जानकारी देने के लिए सात भाषाओं में तैयार की गई एक पुस्तिका और कैलेंडर का विमोचन किया. सरकार का कहना है कि यह पुस्तिका और कैलेंडर श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिए प्रेरित करेगा और शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण बैठकउत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस कड़ी में, आज 5 फरवरी को सुबह 11:30 बजे चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष एवं गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय करेंगे.

इस बैठक में पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), ऊर्जा विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और चारधाम यात्रा से जुड़े अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, मार्गों की मरम्मत, ट्रैफिक प्रबंधन और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समीक्षा की जाएगी.

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुस्तिका और कैलेंडर जारीबीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 2025 की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी. इस दिन अक्षय तृतीया है, और इसी शुभ तिथि पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इसके अलावा, महाशिवरात्रि के दिन, यानी 26 फरवरी को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की जाएगी. वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि पहले ही तय हो चुकी है, जिसके अनुसार 4 मई 2025 को बदरीनाथ धाम के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक विशेष पुस्तिका और कैलेंडर तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में जारी किया. यह पुस्तिका देशभर के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के बारे में व्यापक जानकारी देने के लिए सात भाषाओं – हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, बंगाली और गुजराती में प्रकाशित की गई है.

चारधाम यात्रा से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगीइस पुस्तिका में चारधाम यात्रा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जिसमें मार्गदर्शन, यात्रा के नियम, मंदिरों के कपाट खुलने और बंद होने की तिथियां, संपर्क सूत्र और अन्य दिशानिर्देश शामिल हैं. इसके साथ ही, इसमें चारधाम यात्रा के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को भी विस्तार से बताया गया है.

सीएम धामी ने कहा कि यह कैलेंडर और पुस्तिका देशभर के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए प्रेरित करेगा और इससे यात्रा की लोकप्रियता भी बढ़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रयास से शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को मजबूती मिलेगी.

चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारियां हुई तेजसुरक्षा और यातायात प्रबंधन को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत, बिजली-पानी की व्यवस्था, मोबाइल नेटवर्क सुविधा और चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है.

सरकार के मुताबिक, इस साल यात्रा को डिजिटल और तकनीकी रूप से अधिक प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया जाएगा. इसके तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, लाइव ट्रैकिंग सिस्टम, ई-गाइड और डिजिटल हेल्पडेस्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड आते हैं. इस यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं.

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की रीढ़चारधाम यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है. हर साल लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए आते हैं. यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की रीढ़ भी मानी जाती है.

उत्तराखंड सरकार और बीकेटीसी द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि 2025 की चारधाम यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और सुगम बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है और इसे विश्वस्तरीय धार्मिक यात्रा के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

इस प्रकार, उत्तराखंड सरकार और बीकेटीसी द्वारा किए गए ये प्रयास श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आनंददायक चारधाम यात्रा सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होंगे. चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं, जिससे राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलता है. इस यात्रा के सफल संचालन के लिए उत्तराखंड सरकार पहले से ही व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने में जुट गई है.

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