Harish Rawat React on Dinesh Agarwal: उत्तराखंड में कांग्रेस के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा की दिनेश अग्रवाल की कुछ तो मजबूरियां रही होंगी. हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने कई बाते कहीं हैं. कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह बात उनकी सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिनेश अग्रवाल के पार्टी छोड़ने पर प्रतिक्रिया में कही हैं.


पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा-"मुझे समाचार मिला कि दिनेश अग्रवाल ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी अपनी कुछ मजबूरियां रही होंगी नहीं तो इतने साल के कांग्रेस के जुड़ाव को वह इतने चुनौतीपूर्ण अवसर पर नहीं तोड़ते. 7 बार कांग्रेस ने उनको विधानसभा के लिए उम्मीदवार बनाया, मेयर के लिए भी उनको उम्मीदवार बनाया. कई साथियों की वरिष्ठता और क्षेत्रीय आरोपों को एक तरफ रखकर पार्टी ने मेरे विशेष आग्रह पर 2012 में उनको मंत्री पद से भी नवाजा, बल्कि मैं यह कहूं कि 2012 में मेरे राजनीतिक संघर्ष के वह सबसे प्रमुख लाभार्थी रहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.


वहीं हरीश रावत ने आगे लिखा- "भाजपा के नेताओं से उनकी चल रही बातचीत की भनक लगते ही मैं तीन बार उनके आवास पर मिलने के लिए गया, प्रीतम सिंह भी उनसे मिलने गए, पार्टी के शीर्ष स्तर से लेकर प्रांतीय स्तर पर सब लोगों ने उनसे नाराजगी त्यागने का आग्रह किया. मैंने स्थानीय कांग्रेस के धर्मपुर क्षेत्र के पार्षद, पूर्व पार्षद की भावनाओं को देखते हुये धर्मपुर क्षेत्र में 10 दिन कांग्रेस कार्यालय खोलने के निर्णय को विलंबित किया. उनका मान-सम्मान और कांग्रेस से उनके गहरे रिश्ते को देखते हुये मैं पार्टी को भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि सारी पुख्ता सूचनाओं के बावजूद भी जिनमें भाजपा के शीर्ष नेताओं के उनकी घर पर हुई बैठक की जानकारी के बावजूद भी पार्टी ने दिनेश अग्रवाल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. हम इतना ही भर कह सकते हैं कि दिनेश अग्रवाल आप पार्टी के साथ अपने इतने लंबे रिश्ते को तोड़कर जहां जा रहे हैं, आपका मान-सम्मान वहां सुरक्षित रहे और बढ़े यह हम सबकी कामना है.






पार्टी छोड़ने का सीधा मकसद फायदा लेना- करण मेहरा 


वहीं दिनेश अग्रवाल के पार्टी छोड़ने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि कुछ लोग अपने निजी फायदे के चलते इस प्रकार की हरकतें कर रहे हैं. अगर दिनेश अग्रवाल को पार्टी छोड़नी ही थी तो 10 दिन पहले ही उनको छोड़ देनी चाहिए थी उनका नाम जब स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आ गया उसके बाद पार्टी छोड़ने का सीधा मकसद फायदा लेना है कोई बात नहीं जो लोग पार्टी छोड़कर जाना चाहते हैं वह जा सकते हैं. हमने उनको एक दिन पहले ही पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था उनके द्वारा लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों की जा रही थी.


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