Harish Rawat Meet Shankaracharya Rajarajeshwar: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत अपनी राजनीतिक चतुर्था के लिए जाने जाते हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत अपने धुर विरोधियों को अपनी चाल से चित करने में माहिर हैं, इसी क्रम में हरीश रावत आज गुरुवार (27 जुलाई) बीजेपी और आरएसएस के आध्यात्मिक गुरु माने जाने वाले शंकराचार्य राजराजेश्वर के आश्रम उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे. जगद्गुरु राजराजेश्वर संघ और बीजेपी नेताओं के करीबी माने जाते हैं. बीजेपी और संघ का शायद ही कोई ऐसा नेता हो जो उत्तराखंड पहुंचा हो और हरिद्वार के कनखल स्थित जगतगुरु से मिलने उनके आश्रम ना पहुंचा हो.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ और बीजेपी की तमाम बड़ी हस्तियां उनके पास उनका आशीर्वाद लेने आती रही हैं. ऐसे में हरीश रावत जो कि कांग्रेस का बड़ा चेहरा है उनका जगत गुरु का आश्रम पहुंचना आश्चर्य पैदा करता है. हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते हैं और आरएसएस और बीजेपी पर लगातार प्रहार करते रहते हैं. ऐसे में उनका महाराज के आश्रम जाने के बाद यह माना जा रहा है कि हरीश रावत अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगे हुए हैं. क्योंकि हरीश रावत 2024 का लोकसभा चुनाव हरिद्वार से लड़ना चाहते हैं. ऐसे में उनका जगतगुरु शंकराचार्य से मिलना सवाल खड़ा करता है क्या फिर हरीश रावत कैसे आरएसएस और बीजेपी के नजदीकी लोगों से नज़दीकियां बढ़ा सकते हैं,
फिलहाल हरीश रावत के आश्रम जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी हुई है. जगतगुरु शंकराचार्य ने भी हरीश रावत को अपना आशीर्वाद दिया अब देखना यह होगा 2024 में हरीश रावत को ये आशीर्वाद मिल पाएगा या नहीं. हरीश रावत उत्तराखंड में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं. हरीश रावत मुख्यमंत्री रहने के बाद साल 2019 में नैनीताल जिले से लोकसभा का चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंदी मौजूदा केंद्रीय राज्य कैबिनेट मंत्री अजय भट्ट से बड़े मार्जन से हारे थे. हरीश रावत पूर्व में हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं और अब अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए एक बार फिर से हरिद्वार का रुख कर रहे हैं.
हरिद्वार से चुनाव लड़ने का सोच रहे हरीश रावत इस प्रयास में है कि उन्हें साधु संतों का आशीर्वाद मिल जाए इसलिए वह लगातार साधु-संतों से मिल रहे हैं. इसी क्रम में आज शंकराचार्य के आश्रम पहुंचे थे. जिससे उन्हें उनका आशीर्वाद प्राप्त हो और आने वाले समय में हरीश रावत एक बार फिर से हरिद्वार से चुनाव लड़े तो उन्हें कुछ आसानी हो सके. आपको बता दें हरिद्वार से कांग्रेस के हरक सिंह रावत भी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं और हरीश रावत के लिए सबसे बड़ी मुश्किल बने हुए हैं. जिसके लिए हरीश रावत कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें आमजन के साथ-साथ साधु-संतों का भी आशीर्वाद प्राप्त हो. अब एक बार फिर से हरिद्वार से वह सांसद चुनकर संसद पहुंच चुके लेकिन हरीश रावत के आज शंकराचार्य राजराजेश्वर से मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी हुई है कि आखिर ऐसी क्या वजह हुई कि आरएसएस और बीजेपी के करीबी शंकराचार्य राजराजेश्वर से मिलने के लिए हरीश रावत को जाना पड़ा.