उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने खिलाफ बनाए गए कथित एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित वीडियो को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का ऐलान किया है. हरीश रावत ने कहा है कि उन्हें एक सुनियोजित साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और अब उन्हें एक वीडियो में पाकिस्तानी जासूस के रूप में चित्रित किया गया है, जो न केवल आपराधिक कृत्य है बल्कि लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती है.

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हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि वह सोमवार, 23 दिसंबर 2025 को दोपहर 12:45 बजे देहरादून स्थित नेहरू कॉलोनी थाना पहुंचकर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगे. इसके बाद वह साइबर क्राइम थाने में भी शिकायत देंगे. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला भाजपा से जुड़ा झूठ, फरेब और कुकृत्य का उदाहरण है, जिसे उजागर करना जरूरी है.

हरीश रावत ने आरोप लगाया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग कर उन्हें जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले उनके बयान और छवि को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और अब एक फर्जी वीडियो के जरिए उन्हें देशविरोधी गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने इसे बेहद गंभीर और आपराधिक कृत्य करार दिया.

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ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए- हरीश रावत

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला केवल उनकी व्यक्तिगत छवि से जुड़ा नहीं है, बल्कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था, राजनीतिक मर्यादा और तकनीक के दुरुपयोग से जुड़ा बड़ा सवाल खड़ा होता है. उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल को इस तरह की साजिश रचने की हिम्मत न हो.

कानून के दायरे में रहकर इस लड़ाई को लड़ेंगे- हरीश रावत

हरीश रावत ने अपने समर्थकों और आम जनता से इस दौरान आशीर्वाद और समर्थन की अपील भी की है. उन्होंने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर इस लड़ाई को लड़ेंगे और सच्चाई को सामने लाएंगे. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस और साइबर क्राइम इकाइयां इस मामले में क्या कार्रवाई करती हैं और एआई तकनीक के दुरुपयोग को लेकर जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है.