Uttarakhand News: उत्तराखंड वन विभाग में इस साल बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) धनंजय मोहन अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके बाद विभाग को नया मुखिया मिलेगा. इसके अलावा, इस साल कई वरिष्ठ भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी भी रिटायर हो रहे हैं, जिससे विभाग में बड़े स्तर पर रिक्तियां उत्पन्न होंगी.
धनंजय मोहन ने मई 2024 में उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया के रूप में कार्यभार संभाला था. उन्होंने 1 साल 3 महीने तक इस पद पर अपनी सेवाएं दीं. अब उनके सेवानिवृत्त होने के बाद PCCF समीर सिन्हा का नाम इस पद के लिए सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में सामने आ रहा है. हालांकि, समीर सिन्हा को केवल तीन महीने के लिए यह पद मिल पाएगा क्योंकि वह 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
वरिष्ठता के आधार पर बनते हैं मुखियाधनंजय मोहन के बाद उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया के लिए IFS अधिकारी समीर सिन्हा (1990 बैच) सबसे वरिष्ठ अधिकारी होंगे. लेकिन उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 30 नवंबर 2025 होने के कारण उन्हें इस पद पर मात्र तीन महीने का कार्यकाल मिलेगा. इससे पहले समीर सिन्हा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रह चुके हैं और वन्यजीव संरक्षण में उनकी विशेषज्ञता मानी जाती है. यदि सरकार वरिष्ठता के आधार पर उन्हें वन विभाग का मुखिया बनाती है, तो उन्हें इस पद पर कम समय के लिए काम करने का अवसर मिलेगा.
वन विभाग में इस साल कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति भी हो रही है, जिससे कई महत्वपूर्ण पद खाली हो जाएंगे.
1. बी. पी. गुप्ता (IFS 1992 बैच)
वर्तमान में PCCF (प्रशासन) के रूप में कार्यरत हैं.
दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होंगे.
यदि सरकार उन्हें वन विभाग का मुखिया बनाना चाहे, तो उन्हें भी सिर्फ एक महीने का कार्यकाल मिलेगा.
2. गिरजा शंकर पांडे (IFS 1992 बैच)
वर्तमान में वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक हैं.
जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे.
3. बी. बी. मार्तोलिया (IFS 2016 बैच)
वर्तमान में नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में डिप्टी कंजरवेटर के रूप में कार्यरत हैं.
अप्रैल 2025 में सेवानिवृत्त होंगे.
इस साल चार वरिष्ठ PCCF अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिससे वन विभाग में कई महत्वपूर्ण पद खाली होंगे. सरकार को जल्द ही नए अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी. हाल ही में कई IFS अधिकारियों को PCCF पद पर प्रमोशन मिला है, जिससे वन विभाग में नए नेतृत्व की संभावना बढ़ गई है.
1. आर. के. मिश्रा: PCCF (वाइल्डलाइफ) के रूप में नियुक्त हुए.
2. कपिल लाल: हाल ही में प्रमोशन मिला, नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना.
3. नीना ग्रेवाल: वर्तमान में जलागम विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं.
4. एस. पी. सुबुद्धि: वर्तमान में जलवायु विभाग में कार्यरत हैं.
वन संरक्षक के लिए सरकार वरिष्ठता के आधार पर लेती है फैसलाहालांकि, इन अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर अभी शासन स्तर पर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं. लेकिन जल्द ही इन पदों पर अधिकारियों की नियुक्तियां भी की जाएगी. उत्तराखंड वन विभाग में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने से नई नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज करनी होगी. विभाग में नए नेतृत्व को वन्यजीव संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, वन प्रबंधन और अवैध कटाई जैसे मुद्दों से निपटने की चुनौती का सामना करना होगा.
नए प्रमुख वन संरक्षक की नियुक्ति के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार वरिष्ठता के आधार पर फैसले लेती है या युवा और ऊर्जावान अधिकारियों को मौका देती है. आगामी महीनों में होने वाले इन बदलावों से उत्तराखंड वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.
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