Corbett Tiger Reserve News: उत्तराखंड का कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, जो न केवल अपने बाघों और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि राज्य के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख केंद्र भी है. इस संरक्षित क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक सुदृढ़ करने और स्थानीय लोगों को इसके साथ जोड़ने के उद्देश्य से वन विभाग कई नई योजनाओं पर काम कर रहा है. इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल पर्यावरण और पर्यटन का संरक्षण है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका में सुधार और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना भी है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इस साल दो नए आउटलेट खोले जाएंगे. इन आउटलेट्स में स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए मंच तैयार किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े उत्पाद खरीदने का अवसर मिलेगा. इन आउटलेट्स में हस्तनिर्मित सामान, जैविक उत्पाद, पारंपरिक भोजन सामग्री, और अन्य स्थानीय उत्पादों को जगह दी जाएगी. इससे न केवल स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों की आय में भी वृद्धि होगी.

पर्यटकों को स्थानीय उत्पाद आसानी से उपलब्ध होवन विभाग इस योजना को सफल बनाने के लिए कार्य योजना तैयार कर रहा है. यह योजना यह सुनिश्चित करेगी कि पर्यटकों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की यात्रा के दौरान स्थानीय उत्पाद आसानी से उपलब्ध हों. यह कदम स्थानीय शिल्पकारों, किसानों, और महिलाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास रहने वाले ग्रामीणों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष एक बड़ी चुनौती रही है. वन विभाग इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देते हुए स्थानीय समुदायों को जागरूक करने का अभियान चला रहा है. इसके तहत लोगों को वन्यजीवों के व्यवहार, उनसे बचने के उपाय और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदमों की जानकारी दी जाएगी.

इन जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्थानीय लोगों को कॉर्बेट के संरक्षण में भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही उन्हें यह समझाया जाएगा कि संरक्षण से जुड़े प्रयास उनकी आजीविका को कैसे लाभ पहुंचा सकते हैं. इन अभियानों का उद्देश्य मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी लाना और क्षेत्र में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है.

टाइगर रिजर्व पार्क के विकास के लिए 23 करोड़ रुपये का बजट पासकॉर्बेट टाइगर रिजर्व के विकास के लिए इस साल धामी सरकार ने 23 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है. इस बजट का उपयोग रिजर्व के भीतर मौजूद रेस्ट हाउस की सूरत बदलने के लिए किया जाएगा. वन विभाग ने रेस्ट हाउस में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ प्राकृतिक स्वरूप बनाए रखने पर जोर दिया है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पर्यटक रेस्ट हाउस में ठहरते समय खुद को प्रकृति के करीब महसूस कर सकें.

वन विभाग समितियों को सशक्त बनाने का काम होगारेस्ट हाउस में सुधार के साथ-साथ, वन विभाग डेवलपमेंट समितियों को भी मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इन समितियों को सशक्त बनाकर कॉर्बेट के आसपास पर्यटन के बेहतर प्रबंधन की दिशा में काम किया जाएगा. इसके अलावा, पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए नए गेट खोलने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है. इससे पर्यटकों को रिजर्व में प्रवेश के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और पर्यटन का अनुभव अधिक सुगम होगा.

वन विभाग की नई योजनाओं का उद्देश्य पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करना और स्थानीय लोगों को इससे जोड़कर उनकी आजीविका को सुदृढ़ करना है. स्थानीय समुदायों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से जोड़ने से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह संरक्षण प्रयासों को भी मजबूत करेगा. इसके साथ ही, कॉर्बेट के विकास की योजनाएं पर्यटकों के लिए स्थायी और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन का आधार तैयार करेंगी. रेस्ट हाउस और नए गेटों के निर्माण के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को कोई नुकसान न हो.

राज्य में पर्यटन क्षेत्र के विकास से अर्थव्यवस्था में होगा लाभकॉर्बेट टाइगर रिजर्व की इन बातों से साफ है कि वन विभाग पर्यटन और संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर स्थानीय समुदायों और पर्यटकों के लिए एक बेहतर अनुभव देने की कोशिश कर रहा है. नए आउटलेट्स, जागरूकता अभियान, और संरचनात्मक विकास न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगे, बल्कि उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देंगे. वन विभाग के यह प्रयास कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को न केवल पर्यटकों के लिए, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बना देंगे. आने वाले समय में यह पहल मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और स्थानीय लोगों की भागीदारी के माध्यम से संरक्षण को और प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगी.

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