देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रविवार को भी उड़ानों का संकट थमता नजर नहीं आया. विभिन्न विमानन कंपनियों की कुल 11 उड़ानें एयरपोर्ट पहुंचीं, जबकि कई उड़ानें रद्द रहीं. सिर्फ इंडिगो की 13 निर्धारित उड़ानों में से छह ही देहरादून पहुंच सकीं, जबकि सात उड़ानें रद्द कर दी गईं. इससे यात्रियों में भारी असमंजस की स्थिति बनी रही.
एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार रविवार को सभी उड़ानों से कुल 2777 यात्रियों ने आवाजाही की. पहुंचने वाली 11 उड़ानों में इंडिगो की छह, एयर इंडिया की चार और एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट शामिल रही. इनसे कुल 1338 यात्री देहरादून पहुंचे, जबकि 1439 यात्री विभिन्न शहरों को रवाना हुए. लगातार उड़ानें रद्द होने से स्टूडेंट्स, पर्यटकों और बिजनेस यात्रियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
फ्लाइट कैंसिलेशन ने बढ़ाई समस्या
अठूरवाला निवासी गजेंद्र रावत ने बताया कि उनका बेटा हैदराबाद के कॉलेज में पढ़ता है. उन्होंने 16 दिसंबर की इंडिगो फ्लाइट की पहले से टिकट बुक कर रखी है, लेकिन लगातार उड़ानें प्रभावित होने के कारण अब उन्हें ट्रेन टिकट लेने पर विचार करना पड़ रहा है. उनके बेटे के साथ छह अन्य छात्र भी उसी फ्लाइट से घर लौटने वाले थे, लेकिन अब सभी असमंजस में हैं.
पर्यटन पर भी पड़ा फ्लाइट कैंसिलेशन का असर
दिसंबर के आखिरी सप्ताह में मसूरी, टिहरी और देहरादून शहर में न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए देशभर से पर्यटक आते हैं. इनमें कई खिलाड़ी, फिल्म कलाकार और व्यवसायी भी शामिल होते हैं. लेकिन फ्लाइटों के लगातार रद्द होने से इस साल पर्यटक संख्या पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
टैक्सी पर भी पड़ रहा उड़ाने रद्द होने का असर
उधर एयरपोर्ट टैक्सी चालक भी प्रभावित हो रहे हैं. यूनियन के अनुसार पहले रोजाना 150 से 200 टैक्सी तक एयरपोर्ट से निकलती थीं, लेकिन उड़ानें घटने के कारण यह संख्या 50 के आसपास सिमट गई है. निवर्तमान टैक्सी यूनियन अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भारती ने बताया कि इंडिगो की उड़ानों का स्टेटस ऑनलाइन भी स्पष्ट नहीं दिख रहा, जिसके चलते यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है. एयरपोर्ट प्रबंधन हालात सामान्य करने के प्रयास में जुटा है, लेकिन फिलहाल उड़ानों की अनिश्चितता बनी हुई है.