दिल्ली से लौटते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की तबीयत अचानक बिगड़ गई. सांस लेने में परेशानी की शिकायत के बाद उन्हें शुक्रवार को देहरादून के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जानकारी के अनुसार, दिल्ली में अत्यधिक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण देहरादून पहुंचते ही उन्हें सांस संबंधी दिक्कत महसूस होने लगी, जिसके बाद परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे.
दिल्ली के प्रदूषण का पड़ा असर
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत हाल ही में निजी कार्य से दिल्ली गए हुए थे. वहां प्रदूषण का स्तर काफी अधिक होने के कारण उनकी तबीयत पर इसका असर पड़ा. जैसे ही वह देहरादून लौटे, उन्हें सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई. स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उन्हें शहर के अरिहंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने तत्काल उनकी जांच की.
नेबुलाइजर से मिली राहत
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों ने प्राथमिक परीक्षण के बाद उन्हें नेबुलाइजर दिया, जिससे उनकी सांस संबंधी परेशानी में काफी राहत मिली. चिकित्सकों का कहना है कि यह समस्या प्रदूषण के प्रभाव के चलते उत्पन्न हुई थी और समय रहते उपचार मिलने से स्थिति नियंत्रण में आ गई. इलाज के बाद उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ, जिसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी.
हरक सिंह रावत के बीमार होने की खबर मिलते ही उनके समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चिंता का माहौल बन गया. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने फोन के माध्यम से उनका हालचाल जाना और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. समर्थकों ने उनके जल्द ठीक होने की प्रार्थना की और उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार जानकारी लेते रहे.
बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रही सांस की समस्याएं
फिलहाल डॉक्टरों ने हरक सिंह रावत को कुछ दिनों तक पूरी तरह आराम करने और सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्हें प्रदूषित वातावरण से दूर रहने, नियमित दवाइयों का सेवन करने और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि अब उनकी स्थिति सामान्य है और वह चिकित्सकीय निगरानी में अपने आवास पर विश्राम कर रहे हैं.
डॉक्टरों के अनुसार, बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में विशेष सावधानी जरूरी है. हरक सिंह रावत के मामले में समय पर उपचार मिलने से किसी भी गंभीर स्थिति से बचाव हो सका.