Uttarakhand News: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा (Karan Mahara) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) को सार्वजनिक अवकाश के दिन नोटिस सौंपे जाने पर शुक्रवार को कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि जांच एजेंसियों ने मोदी सरकार के सामने घुटने टेक दिए हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई एक सार्वजनिक अवकाश को कैसे भूल सकती है. वहीं हरीश रावत ने कहा कि वो सीबीआई जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने हरीश रावत को नोटिस दिए जाने पर कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों को पिछले नौ सालों से विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न करने के हथियारों के रूप में मोदी सरकार के हाथों में खेल रही है. माहरा ने रावत को बकरीद के सार्वजनिक अवकाश के दिन रावत को नोटिस सौंपने पर आपत्ति जताई और सवाल उठाते हुए कहा कि ‘सीबीआई एक सार्वजनिक अवकाश को कैसे भूल सकती है.’
करण माहरा ने उठाए सीबीआई पर सवालकरण माहरा ने कहा, ‘कांग्रेस को भारतीय न्यायपालिका में विश्वास है और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान है, लेकिन केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल को उचित नहीं ठहराया जा सकता.’ एजेंसी ने 2016 में सामने आए एक स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में गुरुवार को रावत को एक नोटिस सौंपा है जिसमें उन्हें चार जुलाई को ब्यूरो के सामने उपस्थित होकर अपनी आवाज का नमूना देने को कहा गया है.
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता हरीश रावत का भी सीबीआई के नोटिस पर बयान सामने आया है. रावत ने कहा, 'दोस्तो सीबीआई के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा. क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है. मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों.
रावत ने आगे कहा कि 'मगर CBI इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब में दोस्तों को ईद मुबारकबाद देने गया तो उस समय वो घर पर नोटिस लेकर पहुंच गए. मैं घर पर नहीं था. फिर मैने निश्चय किया कि मैं खुद उनको आमंत्रित करूं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें.'
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