Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन कर जमीन खरीदने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को ऐसी जमीनों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. देहरादून में अब तक भू-कानून के उल्लंघन के 282 मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है. 

देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के मुताबिक जिले में अब तक 200 हेक्टेयर से अधिक भूमि ऐसी पाई गई है, जिसे बाहरी लोगों ने भू-कानून के नियमों का उल्लंघन कर खरीदा था. प्रशासन ने इन जमीनों को अपने कब्जे में ले लिया है. हालांकि, भूमि मालिकों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया गया है. यदि वे सही साबित नहीं हो पाए, तो यह जमीन सरकार के अधीन कर दी जाएगी.

देहरादून जिले में सबसे अधिक भू-कानून उल्लंघन के मामले विकासनगर तहसील में सामने आए हैं. इसके बाद डोईवाला और ऋषिकेश का नाम आता है. विकासनगर में 107.012 हेक्टेयर भूमि, डोईवाला में 2.82 हेक्टेयर भूमि, ऋषिकेश में 21.89 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई है. देहरादून के अलावा उधमसिंह नगर और हरिद्वार में भी बड़े पैमाने पर ऐसे मामलों की जांच और कार्रवाई जारी है.

क्या कहता है उत्तराखंड भू-कानून देहरादून जिलाधिकारी के अनुसार, कृषि भूमि पर बड़े अपार्टमेंट और फार्म हाउस बनाए जाने की शिकायतें मिली हैं. अब तक जिले में 390 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से 282 पर कार्रवाई हो चुकी है. उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून में संशोधन कर इसे और सख्त बना दिया है. नए नियमों के तहत:

1. बाहरी राज्यों के लोग कृषि और उद्यानिकी भूमि नहीं खरीद सकते, केवल हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले को इसमें छूट दी गई है.2. आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर तक भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र जरूरी होगा.3. बाहरी राज्य के लोगों को जमीन खरीदने के लिए कारण बताना होगा.4. राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी.5. अगर जमीन नियमों से हटकर खरीदी या बेची जाती है, तो सरकार उसे अपने कब्जे में ले सकेगी.6. सरकार भूमि की खरीद-बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रही है, जिससे सभी डेटा व्यवस्थित रहेगा और गड़बड़ियों पर नजर रखी जा सकेगी.7. निकाय सीमा में तय भू-उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल पर भी सख्त कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस मामले की समीक्षा कर रहे हैं. शासन स्तर पर भी आदेश जारी किया गया है कि यदि किसी ने भू-कानून का उल्लंघन किया है या जमीन का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के बजाय अन्य कार्यों के लिए किया गया है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. संशोधित भू-कानून से इन बातों पर लगाम लगाई जा सकेगी.

- भूमि की कीमतों में अनावश्यक वृद्धि पर रोक लगेगी.- राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में अधिक सहूलियत मिलेगी.- सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण मिलेगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सकेगी.- पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा

सरकार का कहना है कि भू-कानून का उल्लंघन कर जमीन खरीदने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. जिलाधिकारियों को हर हफ्ते इस मुद्दे की समीक्षा करने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई बाहरी व्यक्ति तय नियमों के विरुद्ध जमीन खरीदता है, तो वह सरकार में निहित कर दी जाएगी. उत्तराखंड में अब भूमि खरीद को लेकर नियम कड़े हो गए हैं, जिससे बाहरी लोगों के लिए मनमानी तरीके से जमीन खरीदना आसान नहीं रहेगा.

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