एक्सप्लोरर

Budhi Diwali: मसूरी में धूमधाम से मनाई गई बूढ़ी दिवाली, पांरपरिक ड्रेस में महिलाओं ने किया नृत्य, पुरुष भी झूमे

Mussoorie News: इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें स्थानीय फसलों के व्यंजन भी बनाए जाते हैं. रात के समय सभी पुरुष होला जलाते हैं और मशाल जलाने के लिए ढोल की थाप पर नृत्य करते हैं.

Budhi Diwali 2022: अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए मशहूर आदिवासी क्षेत्र जौनसार बावर में बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा पूरे देश में कायम है. असल दिवाली के एक महीने बाद बूढी दिवाली मनाने की परंपरा है. यहां पांच दिनों तक इको फ्रेंडली दिवाली मनाई जाती है. इस उत्सव में पटाखों का शोर या अनावश्यक खर्च नहीं होता है बल्कि भीमल की लकड़ी की मशाल जलाकर दिवाली मनाई जाती है. ग्रामीण महिला-पुरुष सामूहिक नृत्य के माध्यम से लोक संस्कृति को प्रदर्शित कर इस त्योहार को मनाते हैं. 

मसूरी में बूढ़ी दिवाली के जश्न में डूबे लोग

मसूरी कैंपटी बंगलो की कंडी के पास दिवाली का त्योहार खास अंदाज में मनाया गया. इस अवसर पर ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष के साथ कदम ताल करते हुए पारंपरिक लोक गीतों में थिरकते हुए नजर आईं जिसने मौजूद श्रोताओं के मन को मोह लिया. जौनसार क्षेत्र में पुरानी दिवाली मनाने के लिए बाहरी राज्यों व प्रदेशों में काम करने वाले प्रवासी भी लौटने लगे हैं. त्योहार को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. प्रवासियों की वापसी से गांवों में खुशी का माहौल है.

ऐसी है बूढ़ी दिवाली की परंपरा

इस अवसर पर गांवों में भांड का आयोजन किया जाता था, जिसे देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन के रूप में दर्शाया जाता है. इसमें बाबई घास से बनी एक विशाल रस्सी का प्रयोग किया जाता है. इसकी विशेषता यह है कि रस्सी बनाने के लिए इस दिन बाबई घास को काटकर बनाया जाता है. मान्यता के अनुसार रस्सी बनाकर स्नान करने से विधिवत पूजा की जाती है. कोटी, खरसोने, मोगी, भटोली, सांजी, बंगसील आदि गांव विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.

ग्रामीण बीरेंद्र रावत ने कहा कि इस त्योहार को लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, जिसमें स्थानीय फसलों के व्यंजन भी बनाए जाते हैं. रात के समय सभी पुरुष होला जलाते हैं और मशाल जलाने के लिए ढोल की थाप पर नृत्य करते हैं, जिसके बाद दिवाली के गीत गाने के लिए वापस गांव आते हैं, जबकि दूसरे दिन गांव के पंचायती प्रांगण में अलाव जलाया जाता है. 

स्थानीय ग्रामीण सुनील नौटियाल ने बताया कि दीपावली के ठीक 30 दिन बाद जौनपुर, रेवेन में मनाई जाने वाली पहाड़ियों की मुख्य पुरानी पहाड़ी दीपावली की शुरुआत असक्य पर्व से हो गई है. इसमें पहाड़ी उत्पादों जांगोरे से बने स्टार्च को दही के साथ सेवन किया जाता है. इस दिवाली का मुख्य पकोड़िया पर्व आज मनाया जा रहा है. इसमें उड़द की दाल के पकौड़े बनाए जाते हैं. इस दीपावली की मुख्य होली रात में खेली जाती है, जिसमें गांव के बूढ़े, जवान, बच्चे सभी नए कपड़े पहनकर होला खेलने जाते हैं. होलीयत के बाद गांव के लोग गांव के पांडव कक्ष में देर रात तक नाचते-गाते हैं.

पुरानी दिवाली मनाने के पीछे लोगों के तर्क
दिवाली मनाने के बाद पहाड़ में पुरानी दिवाली मनाने के पीछे लोगों के अलग-अलग तर्क हैं. आदिवासी अंचल के बुजुर्गों की माने तो पहाड़ के सुदूर ग्रामीण अंचलों में भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन देर से होने के कारण लोग पहाड़ी बूढ़ी दिवाली एक माह बाद मनाते हैं. जहां अधिकांश लोग जौनसार-बावर एवं बिनहर कृषि प्रधान क्षेत्र मानते हैं वहीं यहां के लोग खेती के कार्य में काफी व्यस्त रहते हैं. जिसके चलते वह इसके एक महीने बाद ही पुरानी दिवाली पारंपरिक तरीके से मनाते हैं. यहां पहले दिन छोटी दिवाली, दूसरे दिन रणदयाल, तीसरे दिन बड़ी दिवाली, चौथे दिन बिरूडी और पांचवें दिन जंडौई मेले का समापन दिवाली के साथ होता है. 

ये भी पढ़ें- Mainpuri By-Election: केशव मौर्य का अखिलेश पर शायराना तंज, कहा- 'BJP की ऐसी हवा चली, परिवार सहित घूम रहे गली-गली'

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: 'खुद पर आई तो राजीव गांधी ने खत्म कर दिया था विरासत टैक्स’, PM मोदी का कांग्रेस पर वार
'खुद पर आई तो राजीव गांधी ने खत्म कर दिया था विरासत टैक्स’, PM मोदी का कांग्रेस पर वार
Lok Sabha Elections 2024: अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर जयंत चौधरी का तंज, जानें क्या बोले रालोद मुखिया
अखिलेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर जयंत का तंज, जानें क्या बोले RLD मुखिया
Driving Licence in India: भारत में कितने प्रकार के होते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, इनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
भारत में कितने प्रकार के होते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, इनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
बाबर से बहादुर शाह जफर तक तक, कितने पढ़े-लिखे थे मुगल बादशाह
बाबर से बहादुर शाह जफर तक तक, कितने पढ़े-लिखे थे मुगल बादशाह
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Modi और Rahul के बयान पर पार्टी अध्यक्षों से EC ने मांगा जवाब | Breaking NewsLok Sabha चुनाव में Akhilesh की एंट्री..क्या अब Rahul भी अमेठी से भरेंगे नामांकन?Election 2024: Akhilesh Yadav ने भरा पर्चा..बीजेपी की बढ़ाई मुश्किलें.. | Samajwadi PartyLok Sabha Election: 'Congress ने सेना के हाथ बांधे..'-MP के मुरैना में बोले PM | Madhya Pradesh

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: 'खुद पर आई तो राजीव गांधी ने खत्म कर दिया था विरासत टैक्स’, PM मोदी का कांग्रेस पर वार
'खुद पर आई तो राजीव गांधी ने खत्म कर दिया था विरासत टैक्स’, PM मोदी का कांग्रेस पर वार
Lok Sabha Elections 2024: अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर जयंत चौधरी का तंज, जानें क्या बोले रालोद मुखिया
अखिलेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर जयंत का तंज, जानें क्या बोले RLD मुखिया
Driving Licence in India: भारत में कितने प्रकार के होते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, इनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
भारत में कितने प्रकार के होते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, इनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
बाबर से बहादुर शाह जफर तक तक, कितने पढ़े-लिखे थे मुगल बादशाह
बाबर से बहादुर शाह जफर तक तक, कितने पढ़े-लिखे थे मुगल बादशाह
'मुझे भुला दिया...', कैंसर से जूझ रहीं छवि मित्तल का जब अपने ही लोगों ने छोड़ दिया था साथ, एक्ट्रेस का छलका दर्द
बीमारी में जब छवि मित्तल का हुआ था बुरा हाल, अपनों ने ही छोड़ा था साथ
T20 World Cup 2024: धोनी के शागिर्द ने हार्दिक और जडेजा का काटा पत्ता? टी20 वर्ल्ड कप का मुद्दा गर्माया
धोनी के शागिर्द ने हार्दिक और जडेजा का टी20 वर्ल्ड कप से काटा पत्ता?
अब वॉट्सएप पर भी मिलेगी मामले की जानकारी, सुनवाई शुरू करने से पहले CJI चंद्रचूड़ ने कर दिया बड़ा ऐलान
अब वॉट्सएप पर भी मिलेगी मामले की जानकारी, सुनवाई शुरू करने से पहले CJI चंद्रचूड़ ने कर दिया बड़ा ऐलान
Varanasi News: ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को मिली जान से मारने की धमकी, विदेश से आ रहे फोन!
ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को मिली जान से मारने की धमकी, विदेश से आ रहे फोन!
Embed widget