Uttarakhand Budget Session: उत्तराखंड में बजट सत्र को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है एक तरफ यहां के विधायक गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र में नहीं जाना चाहते तो वहीं हरीश रावत इन विधायको को हिमालय राज्य से दूर जाने की बात की रहे है. 26 फरवरी से उत्तराखंड में बजट सत्र शुरू होना था इसके लिए सरकार ने विधायकों से राय मांगी गई थी कि बजट सत्र गैरसैंण में होना चाहिए या फिर देहरादून में इसी विषय को लेकर लगभग 36 विधायकों ने एक पत्र सरकार को सौंपा है. 


विधायकों ने सत्र देहरादून में कराए जाने की बात कही. विधायकों का तर्क था कि गैरसैंण में काफी सर्दी है ऐसे में वहां सत्र करने में काफी मुश्किल होगी इसके बाद सरकार ने अपनी कैबिनेट में यह फैसला लिया कि सत्र इस बार देहरादून में होगा. वहीं सत्र देहरादून में कराए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत का कहना है कि ऐसे विधायकों को हिमालय राज्यों से चला जाना चाहिए जिन्हें यहां पर ठंड लगती है. खास बात यह है कि चिट्ठी लिखने वाले विधायकों में छह विधायक कांग्रेस के भी शामिल है तो वहीं एक बसपा और दो निर्दलय शामिल है.


देहरादून में होगा बजट सत्र 
इन विधायको के पत्र के आधार पर ही सत्र देहरादून में कराया जा रहा है वरना ये सत्र इस बार उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होना था इस को पूर्व सीएम और कांग्रेस के नेता हरीश रावत ने साफ कहा है की विधायको की सिठ्ठी से क्या लेना देना सरकार को खुद फेसला करना चाहिए और सत्र गैरसैंण में करना चाहिए ये सरकार की विफलता है जिस दिन देहरादून में सत्र शुरू होगा हरीश रावत उस दिन देहरादून स्थित गांधी पार्क में गांधी जी की मूर्ति के नीचे बैठकर उपवास करेगें.


वहीं इस विषय पर राज्य सरकार का कहना है कि विधायकों की चिट्ठी आने के उपरांत ही सरकार ने यह फैसला लिया है, क्योंकि सत्र में विधायकों को बैठना है और विधायकों की चिट्ठी सरकार को प्राप्त हुई है विधायक गैरसैंण जाने से बच रहे हैं क्योंकि वहां ज्यादा ठंड है इसलिए विधायकों ने सत्र को देहरादून में करने की गुजारिश की थी इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.


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