Uttarakhand Assembly Session 2022: उत्तराखंड में 29 नवंबर से विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है. जहां सरकार और विधान सभा सचिवालय सत्र की तैयारी में जुटा है, वहीं विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है. सरकार का उद्देश्य है कि अनुपूरक बजट के साथ-साथ कुछ विधेयक विधानसभा सत्र में पास कराए जाएं, लेकिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था, अंकिता भंडारी केस और भर्ती घोटाले समेत कई मुद्दों को उठाने की तैयारी कर ली है जिनके जरिए सरकार को घेरा जाएगा.


विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
उत्तराखंड का विधानसभा सत्र इस बार हंगामेदार रह सकता है क्योंकि विपक्ष सरकार को घेरने के लिए मजबूत रणनीति तैयार करने में जुट गया है. विपक्ष का कहना है कि इस बार विधानसभा सत्र में सरकार से उन सब मुद्दों पर सवाल पूछे जाएंगे जो पिछले कुछ समय में घटित हुए हैं, फिर चाहे वो कानून व्यवस्था का मुद्दा हो या अंकिता भंडारी मर्डर का मामला. यही नहीं कांग्रेस ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भर्ती घोटाला को भी धार देना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि इस बार विधानसभा सत्र में अनुपूरक बजट प्रस्तुत होगा लेकिन विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की कोशिश करेगा.


जानिए क्या होंगे विपक्ष के मुद्दे
- UKSSSC व अन्य विभागों में भर्ती घोटाले का मामला
- भर्ती घोटाले में गिरफ्तार लोगों का लगातार रिहा होना
- भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग
- अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला
- प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने का कोशिश
- अल्मोड़ा में दलित युवक की हत्या व दलित उत्पीड़न के मामले
- गैरसैंण में सत्र में कराए जाने का मुद्दा


शीतकालीन सत्र की तैयारियों में जुटी सरकार
उधर विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार और विधान सभा सचिवालय तैयारियों में जुटा हुआ है. अनुपूरक बजट के लिए विभागों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं और सरकार अनुपूरक बजट को तैयार करने में जुटी हुई है. विधानसभा में जो भी विधेयक लाए जाने हैं, उन पर मंथन किया जा रहा है. कैबिनेट ने विधानसभा सत्र को लेकर अपनी मोहर लगा दी है और सरकार सत्र की तैयारियों में जुट गई है. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 29 नवंबर से 5 दिसंबर तक सत्र आहूत किया गया है. अग्रवाल का कहना है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष हर मुद्दे पर डिबेट करके सत्र की कार्रवाई को चलाए.

विधानसभा सत्र की कार्यवाही सत्ता पक्ष के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि विधायकों के क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण मुद्दे सदन के भीतर उठते हैं, तो सरकार के लिए बजट से लेकर कई विधेयक सदन के भीतर पास किए जाते हैं, लेकिन जिस तरह से विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है, उससे साफ जाहिर है कि यदि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाई, तो इस बार भी सत्र हंगामे की भेंट चढ़ सकता है. 


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