Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा सत्र की शुरुआत सोमवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ हुई. विधानसभा भवन में पहुंचने पर राज्यपाल महोदय का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया. अपने अभिभाषण में उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा पिछले वर्ष किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया और आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया.
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में विशेष रूप से मातृशक्ति, युवाओं और पूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए काम कर रही है और उत्तराखंड को एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है.
राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड तेजी से विकास- राज्यपालराज्यपाल ने कहा, "हमारी सरकार प्रदेश की मातृशक्ति को सशक्त बनाने, युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने और पूर्व सैनिकों को सम्मान सहित विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कृतसंकल्प है. अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने प्रदेश में आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण और अवस्थापना विकास (बुनियादी ढांचे) के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि "प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उद्योगों के विस्तार, निवेश को प्रोत्साहित करने और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं. राज्यपाल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम जैसे कानूनों को प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धियों में शामिल किया.
UCC से समाज में न्याय की भावना को बल मिलेगा- राज्यपालउन्होंने कहा, "UCC को लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है, जिसने एक समान नागरिक संहिता को वास्तविकता में बदला है. इससे समाज में समानता और न्याय की भावना को बल मिलेगा." इसके अलावा, लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम के जरिए प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश की गई है. इस कानून के तहत दंगों या हिंसा में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षति की भरपाई करवाई जाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता "सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखंड" का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है. राज्य में सभी किसी भी नागरिक के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
प्रदेश का लक्ष्य नागरिकों का खुशहाल जीवनउन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उत्तराखंड की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना है. इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यटन और कृषि के क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई जा रही हैं." राज्यपाल ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल विकास कार्यों को गति देना नहीं है, बल्कि हर नागरिक को समृद्ध और खुशहाल जीवन प्रदान करना भी है
राज्यपाल के अभिभाषण में प्रदेश सरकार की अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया. विधानसभा सत्र के दौरान इन बिंदुओं पर चर्चा होगी और विभिन्न मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच मंथन भी होगा. प्रदेश की जनता को इस सत्र से कई महत्वपूर्ण फैसलों की उम्मीद है, जो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के विकास को नई दिशा देंगे.
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में पहली ई-विधानसभा सत्र का आगाज, 20 फरवरी को पेश होगा बजट, जानें क्या है खास?