उत्तराखंड के करीब 54 लाख राशन कार्डधारकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए एनआईसी देहरादून द्वारा तैयार किया गया एक नया मोबाइल एप जल्द ही लॉन्च होने वाला है. इस एप के जरिए लोगों को अब राशन डीलर की दुकान तक जाकर लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ई-केवाईसी की प्रक्रिया घर बैठे ही पूरी हो सकेगी. विभाग इस एप को एक-दो दिन में लॉन्च करने की तैयारी में है.

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ई-केवाईसी प्रक्रिया और वर्तमान स्थिति

वर्तमान में प्रदेश में फर्जी राशन कार्डों की पहचान के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है. राज्य सरकार ने 15 दिसंबर तक सभी राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाईसी की अंतिम तिथि तय की है. प्रदेश के 13 जिलों में मौजूद 95 लाख 16 हजार 705 लाभार्थियों में से अब तक 41 लाख 9 हजार 711 लोग ही ई-केवाईसी करा पाए हैं. यानी 54 लाख 6 हजार 994 लोग अभी भी प्रक्रिया से वंचित हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि ई-केवाईसी सिर्फ राशन डीलरों की ई-पॉस मशीनों के माध्यम से ही की जा रही थी, जहां रोज़ाना लंबी लाइनें लग रही थीं.

नया मोबाइल एप और सुविधाएं

नया एप इन समस्याओं को खत्म कर देगा. एप पर परिवार की यूनिट संख्या, साल भर में लिया गया राशन, शेष कोटा, और अन्य सभी सूचनाएं एक क्लिक में उपलब्ध होंगी. इसके साथ ही पहचान की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है. अब ई-केवाईसी के लिए अंगूठे या उंगलियों के बायोमीट्रिक की जगह आइरिस स्कैन यानी आंखों की पुतली के स्कैन का उपयोग होगा, जिससे पहचान और भी सटीक और आसान हो जाएगी. यह सुविधा खासकर वृद्ध, बीमार और दिव्यांग लोगों के लिए बहुत राहत देने वाली है.

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विभाग का बयान और उम्मीदें

एप के बारे में जानकारी देते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग, देहरादून के अपर आयुक्त पीएस पांगती ने बताया—“ई-केवाईसी के लिए एप लगभग तैयार कर लिया गया है. एक-दो दिन में इसे लॉन्च करने की तैयारी है. एप के जरिए लोगों को राशन डीलर की दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होगी, वे घर बैठे ही अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकेंगे. इससे विभागीय कर्मचारियों और राशन डीलरों को भी भारी सहूलियत होगी. ” fसरकार को उम्मीद है कि एप लॉन्च होने के बाद शेष 54 लाख लोगों की ई-केवाईसी प्रक्रिया तेजी से पूरी हो जाएगी और पात्र लाभार्थियों को सही समय पर राशन उपलब्ध कराना सरल हो जाएगा.