Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में एक तरफ बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव आया तो दूसरी तरफ जोर का झटका लगा. इस झटके से विपक्ष का पारा चढ़ गया. इससे साफ है कि बिजली के दाम गन्ना बेल्ट में बड़े सियासी संग्राम की शुरुआत कराएंगे और ये शुरुआत बीजेपी (BJP) के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है. किसान, मजदूर, आम आदमी सभी इस खबर के बाद गुस्से में हैं, कि महंगाई से चल रही लड़ाई में बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव आग में घी डालने का काम करेगा. बिजली के दाम बढ़ाने की खबर जैसे ही चैनल की हेडलाइन बनी, वैसे ही लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गईं.
घेरने की तैयारी में सपा-रालोदमामला इस कदर बढ़ता चला गया कि किसानों, मजदूरों और गरीबों के रहनुमाई करने की होड़ लग गई. बीजेपी को गांव, गरीब, किसान और मजदूर के लिए घरेने वाली रालोद और सपा संग्राम करने की तैयारी में जुट गईं. सपा विधायक और कद्दावर नेता शाहिद मंजूर ने तो यहां तक कह डाला कि, किस्तो में क्यों गरीब किसान को मार रहे हो, एक ही बार में कर लो जो करना है. हम सड़क पर उतरेंगे और बिजली के दाम नहीं बढ़ने देंगे.
सपा के ही सुर में रालोद ने भी सुर मिल लिया है. रालोद इस मुद्दे पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने का एलान कर चुकी है. रालोद नेता राजकुमार सांगवान का कहना है अधिकारियों को घरेंगें, सड़क पर उतरेंगे, अब खामोश रहने का वक्त चला गया, क्योंकि सरकार किसान गरीब-मजदूर का उत्पीड़न करने पर उतर आई है.
नुकसान हो सकता है बीजेपी कोबिजली के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव की खबर जिसे भी मिली उसे जोर का झटका लगा. चूंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश शुगर बाउल के नाम से जाना जाता है तो ऐसे में इस खबर ने किसान और मजदूर को सबसे ज्यादा परेशानी में ला दिया. उनका कहना है कि हमारी आय ज्यादा नहीं है और ऐसे में बिजली के बढ़े दाम कमर तोड़ देंगे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति किसानों के इर्द गिर्द घूमती है और यहीं से दिल्ली का रास्ता भी तय होता है. ऐसे में बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव पश्चिम से पूरब तक संग्राम खड़ा कर सकता है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को हो सकता है.