उत्तर प्रदेश ने पिछले वित्त वर्ष में निर्यात क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है. फेडरेशन ऑफ इंडियन ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष में 2024-25 में सबसे ज्यादा लगभग 47 हजार करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद का निर्यात किया गया. दूसरे नंबर पर मीट का निर्यात हुआ जो करीब 20 हजार करोड़ रुपये का रहा. तीसरे नंबर पर टेक्सटाइल है. 

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का हब बन गया है. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मीट, टेक्सटाइल के अलावा अन्य तरह की मशीनरी, कालीन, फुटवियर, धातु से बने बर्तन जैसे उत्पाद शामिल हैं.

नौ सेक्टरों में दिखी सकारात्मक ग्रोथ

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के टॉप दस में से नौ सेक्टरों में सकारात्मक ग्रोथ देखी गई है. जिसमें एक जिला, एक उत्पाद, फ्रेट कॉरिडोर और लॉजिस्टिक पार्क की भूमिका रही है. निर्यात क्षेत्र में आई इस बढ़ोतरी का श्रेय प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रभावी योजनाओं को भी जाता है. जिसके चलते प्रदेश में व्यापारिक माहौल और बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार आया है. 

पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले आई तेजी

आंकड़ों के मुताबिक साल 2023-24 में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 38,756 करोड़ रुपये था जो साल 2024-25 में बढ़कर 46,131 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं मीट के निर्यात की बात की जाए तो पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इसमें 1,276 हज़ार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई जो 18,505 से बढ़कर 19,781 हज़ार करोड़ रुपये हो गया है. टेक्सटाइल का निर्यात 14,054 से बढ़कर 15,551 हज़ार करोड़ रुपये हो गया है. 

उत्तर प्रदेश के उत्पादों को अमेरिका, यूके, जर्मनी, नेपाल, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, नीदरलैंड और स्पेन जैसे देशों में निर्यात बढ़ा है. बीते वित्त वर्ष में यूएसए में 19 फ़ीसद, यूके में 7 फीसद, यूएई में 6 फीसद, जर्मनी में 5 फीसद, नेपाल में 5 फीसद, ऑस्ट्रिया में 5 फीसद, फ्रांस में 4 फीसद और स्पेन में 3 फीसद तक निर्यात हुआ.  ये खबर यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सकारात्मक है. 

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