लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में धरना-प्रदर्शन के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की अब खैर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस बाबत एक नया अध्यादेश पास कर दिया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी अध्यादेश पारित किया गया। अध्यादेश पारित कराए जाने के मामले को लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि लखनऊ में आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पोस्टर हटाने का आदेश दिया था। इस पर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई, जहां मामले को बड़ी बेंच के सामने सुनवाई के लिए भेज दिया गया है। इसके बाद ही योगी सरकार ने आज नया अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद यूपी में अब किसी आंदोलन, धरना प्रदर्शन में अगर सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी में की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने विशेष रूप से कहा था कि देश में राजनीतिक जुलूस या ऐसे कार्यक्रमों के दौरान संपत्ति की क्षति को लेकर कानून बनाने की जरूरत है। उसी संबंध में ये अध्यादेश कैबिनेट में लाने का प्रस्ताव किया गया और इसे सर्वसम्पत्ति से पास कर दिया गया है। सुरेश खन्ना ने कहा कि इस संबंध में नियमावली बनेगी, अभी अध्यादेश लाया गया है। नियमावली में सभी बिंदुओं की विस्तार से व्याख्या की जाएगी। सुरेश खन्ना ने कहा कि नियमावली भी कैबिनेट से पास होगी।