UP Assembly Election 2022: पश्चिम उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) के बाद अब पूर्वांचल में सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. पूर्वांचल के रण को जीतने के लिए बीजेपी (BJP) ने मेगा प्लान (Mega Plan) तैयार किया है. बीजेपी इस बार वाराणसी मॉडल (Varanasi Model) के जरिए पूर्वांचल फतह की तैयारी में है. इसके लिए हाईटेक वॉर रूम (Hi-Tech War Room) बनाया गया है, जिसमें बीजेपी के रणनीतिकार दिन रात काम कर रहे हैं. 


कहां बन रहा प्लान
इस मेगा प्लान से सियासी अखाड़े में विरोधियों को धूल चटाने के लिए तैयार हैं. बीजेपी के वॉर रूम में पूर्वांचल फतह की पूरी कहानी लिखी जा रही है. सियासी दुश्मनों के एक एक चाल पर नजर रखी जा रही है. यूपी की सियासी बिसात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, एक बार फिर से केंद्र बनकर उभरा है. बीजेपी ने पूर्वांचल को साधने के लिए वाराणसी में एक हाईटेक वॉर रूम के साथ ही मीडिया सेंटर (Media Center) तैयार किया है. इस वॉर रूम में विरोधियों को परास्त करने के लिए बीजेपी के रणनीतिकार दिन रात मंथन कर रहे हैं. 


क्या हो रहा है काम
पूर्वांचल के काशी (kashi) प्रान्त के 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों का खाका तैयार किया जा रहा है. एक-एक सीट की जातिगत आंकड़ों की जानकारी हासिल की जा रही है. चुनाव के लिए बूथ स्तर से पन्ना प्रमुख का पूरा बायोडाटा तैयार किया जा रहा है. यही नहीं टीवी चैनलों के जरिए पल पल की खबर रखी जा रही है.


क्या है प्लान
बीजेपी इस बार प्लान बनारस पर काम कर रही है. मतलब, बनारस में हुए विकास कार्यों को चुनाव के दौरान पूरी तरह भुनाने में पार्टी जुटी है. बीजेपी चुनावी मैदान में बदलते बनारस की एक एक तस्वीर रखना चाहती है. पीएम मोदी (PM Modi) के सपनों के बनारस को लोगों के सामने रखना चाहती है. यही नहीं विकास के साथ आस्था का तड़का लगाने की भी तैयारी है. मतलब एक तरह चमचमाती सड़कों की बात होगी तो दूसरी ओर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के जरिये लोगों के आस्था को छूने की कोशिश की जाएगी.


कौन संभालेगा कमान
सूत्र बताते हैं कि इस मेगा प्लान के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है. दिल्ली (Delhi) से आई खबरों पर यकीन करें तो पीएम मोदी खुद पूर्वांचल के सियासी अखाड़े में उतरेंगे. छठे और सातवें चरण के मतदान के दौरान पीएम खुद वाराणसी में मौजूद रहेंगे और चुनाव प्रचार की अगुवाई करेंगे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने तीन दिनों तक चुनाव प्रचार किया था और देखते ही देखते पूरी तस्वीर बदल दी थी. अब सवाल ये है की पीएम मोदी और बीजेपी की ये कोशिश कितना रंग लाती है.


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