UP News: चुनाव परिणामों के बाद हिजाब (Hijab) का जिन्न एक बार फिर से जिंदा हो गया है. अलीगढ़ (Aligarh) के श्री वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज (Shree Varshney College) में आज हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज प्रशासन (College Administration) ने गेट पर रोक कर ड्रेस कोड (Dress Code) का पालन करने को कहा. कुछ छात्राओं ने हिजाब उतारने से मना कर दिया और घर के लिए वापस लौट गई. कॉलेज के प्राचार्य (College Principle) ने कहा कि कॉलेज में ड्रेस कोड का पालन कराया जाएगा. अगर कोई बाहर से हिजाब पहनकर आता है तो उसे गर्ल्स रूम में चेंज करना होगा.


क्या है मामला
दरअसल, कल श्री वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज में एक छात्रा हिजाब पहनकर क्लास रूम में पहुंच गई थी. छात्रा को हिजाब में देख एक छात्र भगवा वस्त्र पहनकर क्लास में पहुंच गया. दोनों के बीच नोकझोंक हुई. जिसके बाद मामला प्रोक्टोरियल टीम तक पहुंचा और छात्रा के माफी मांगने के बाद मामला शांत हो गया. आज कॉलेज प्रशासन ने प्रोक्टोरियल टीम को गेट पर ही खड़ा कर दिया और हिजाब पहनकर आई छात्राओं को ड्रेस कोड का पालन कर क्लास में जाने को कहा. कुछ छात्राएं तो मान गईं लेकिन कई छात्राएं हिजाब ना उतारने की जिद पर अड़ी रही और वहां से वापस चली गई.


क्या बोली छात्राएं
घर वापस जाने वाली छात्राओं में से निकहत ने बताया कि मैं वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा हूं. कॉलेज में हिजाब की वजह से हम को बाहर लौटा दिया है. हम लोग घर जा रहे हैं. दूसरी छात्रा मुस्कान ने बताया कि हम बीएससी फाइनल ईयर में पढ़ रहे हैं. यही प्रॉब्लम है कि हम पूरे कपड़ों में आये थे. उनको समस्या हो रही है मेरे हिजाब से. क्यों वह मुझे नहीं पता, मैं सर बाल खोलकर थोड़े आ रही हूं? अदब से आना गुनाह है क्या? अब कॉलेज प्रशासन को मुझे नहीं पता क्या समस्या हो रही है? हम अदब से आ रहे हैं उनको समस्या हो रही है. हम कुछ नहीं कह सकते हैं. हमको कॉलेज से बाहर निकाल दिया गया है. आफरीन ने बताया कि वार्ष्णेय कॉलेज में पढ़ती है. ऐसा तो कुछ नहीं था, सर ने कहा कि आप हिजाब को उतारो, सिर्फ इसलिए वापस जा रही हूं.


क्या बोले प्राचार्य
कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार ने बताया कि मैंने आज अखबार में पढ़ा और बाद में मैंने अपने महाविद्यालय प्रशासन से बात की तो एक बच्ची नकाब पहने हुई थी. यह हुआ उसको हमारे ड्रेस कोड के अनुसार ऐसा नहीं होता है. बच्ची आती है और हिजाब उतार कर रख देती हैं. इसके बाद वह क्लास करती है, फिर नकाब पहन कर चली जाती हैं. यह प्रोसेस था. लड़की ने थोड़ा विरोध किया और टीचर ने समझाया बच्ची ने मान लिया. इसके बाद माफी मांगी और मामला खत्म हो गया. जहां तक हिजाब की बात है कि हमारे यहां ड्रेस कोड लागू है. बच्चियां स्कार्फ पहन कर आती हैं. अपने गर्ल्स रूम में जाकर उसको चेंज कर लेती है और क्लास करती है. कोई बड़ा इशू नहीं है, जिसमें ऐसा कहा जाए कि हम उनको रोक रहे हैं. लेकिन हां ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी है. जो बच्चे ड्रेस कोड का पालन नहीं करेंगे उनको महाविद्यालय में प्रवेश नहीं देंगे. हमारे यहां नोटिस भी लगाया जाता है. मैं पुनः एक नोटिफिकेशन और कर दूंगा कि सभी लोग ड्रेस कोड में आए. अगर कोई धार्मिक चिन्ह है तो वह पहन कर नहीं आ सकते.


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