UPSIDA News: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की कहानी अब नए मुकाम पर पहुंच गई है. राज्य सरकार के अधीन काम कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने बीते आठ वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस प्राधिकरण ने भूखंड और भूमि आवंटन से लेकर रोजगार सृजन और राजस्व में जबरदस्त वृद्धि की है.
वर्ष 2017-18 में जहां केवल 191 औद्योगिक भूखंड आवंटित हुए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 798 हो गई है. यह 318 प्रतिशत की वृद्धि है. इसी तरह भूमि आवंटन में भी 360 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2017-18 में जहां उद्योगों को कुल 114 एकड़ जमीन दी गई थी, वहीं 2024-25 तक यह आंकड़ा 526 एकड़ तक पहुंच गया है.
UPSIDA के प्रयासों से हजारों लोगों को मिला रोजगारयूपीसीडा के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भी बड़ा इजाफा हुआ है. 2017-18 में जहां 11,570 लोगों को रोजगार मिला था, वहीं 2024-25 में यह संख्या 51,761 तक पहुंच गई. यानी 347 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
यूपीसीडा का ऑपरेटिंग राजस्व भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है. 2019-20 में जहां इसका राजस्व 586 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 1,900 करोड़ रुपये हो गया है. यह आंकड़े इस बात का प्रमाण है कि यूपीसीडा ने निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाया है और उत्तर प्रदेश को उद्योगों के लिए एक मुफीद राज्य बनाया है.
'ईज ऑफ डूइंग' के चलते निवेशकों ने प्रदेश में किया निवेशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के चलते राज्य में निवेशकों को पारदर्शी और सरल प्रक्रिया में भूमि, बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके चलते न केवल देश, बल्कि विदेश के निवेशकों का भी रुझान उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ा है.
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में हम उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हमने निवेशकों के लिए सुविधाजनक वातावरण तैयार किया है, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है.”
यूपीसीडा का मकसद?यूपीसीडा राज्य सरकार का एक प्रमुख औद्योगिक निकाय है, जिसे औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, भूखंड आवंटन, आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और निवेशकों को मदद देने के लिए गठित किया गया है. इसकी स्थापना का मकसद राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है.
यह भी पढ़ें- बहराइच में दर्दनाक सड़क हादसा, 5 की मौत, 10 घायल, सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए अहम निर्देश