Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है. प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं खरीद के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक 1.73 लाख से ज्यादा किसानों से 9.26 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है. बीते साल इसी समय तक करीब 6.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी.

17 मार्च से खरीद शुरू

इस साल राज्य सरकार ने 17 मार्च से गेहूं खरीद की शुरुआत की थी और यह अभियान 15 जून तक चलेगा. खरीद का काम प्रदेश के 5,852 क्रय केंद्रों पर चल रहा है. खास बात यह है कि किसान को बेचने के तुरंत बाद सीधे उनके बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है. अब तक 2,045 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिये किसानों को दी जा चुकी है.

बिचौलियों की भूमिका खत्म

सरकार ने इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,425 प्रति क्विंटल तय किया है. यानी किसान को अपने अनाज का वाजिब दाम मिल रहा है और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो रही है. अब तक 4,46,725 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है.

सीएम की नीति का परिणाम

यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस नीति का परिणाम है जिसमें किसान को आत्मनिर्भर बनाना और उसकी आमदनी बढ़ाना मुख्य उद्देश्य है. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कदम उठा रही हैं, जिनमें समय पर एमएसपी घोषित करना, खरीद केंद्र बढ़ाना और भुगतान में पारदर्शिता सबसे अहम हैं.

गेंहू की व्यापक खेती

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में शामिल है. यहाँ की गंगा-यमुना की उपजाऊ घाटी में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है. यही वजह है कि सरकार गेहूं खरीद को लेकर विशेष सतर्कता बरत रही है ताकि किसानों को मेहनत का पूरा लाभ मिल सके.