उत्तर प्रदेश में मानसून अब हल्का पड़ रहा है. जिसके बाद उमस और गर्मी के चलते बुरा हाल है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग केमुताबिक अगले चार से पांच दिन तक यही मौसम बना रहेगा. कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी और बारिश की संभावना है. जबकि 11 सितंबर से मानसून फिर सक्रिय होगा, और तराई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. खासकर कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, और महराजगंज जैसे जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

IMD के आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक मध्य भारत में विकसित अवदाब राजस्थान की ओर शिफ्ट हो गया है, जिसके कारण यूपी में बारिश में कमी आई है. 11 सितंबर से मानसूनी ट्रफ रेखा हिमालय की तलहटी की ओर बढ़ेगी, जिससे तराई क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां तेज होंगी. कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, और श्रावस्ती जैसे जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है.

उमस और गर्मी से हलकान यूपी

पिछले कुछ दिनों से बारिश में कमी के कारण यूपी में उमस भरी गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है. रविवार (7 सितंबर) को लखनऊ सहित 10 से अधिक जिलों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. लखनऊ में दिन का अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस (0.8 डिग्री की बढ़ोतरी) और न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस (0.8 डिग्री की गिरावट) दर्ज किया गया. धूप और नमी के मिश्रण ने उमस को और बढ़ा दिया, जिससे लोग देर शाम तक परेशान रहे.

लखनऊ में अगले सात दिन का मौसम

लखनऊ में अगले सात दिनों तक मौसम लगभग शुष्क रहने की संभावना है. इस दौरान अच्छी बारिश के आसार नहीं हैं. छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा. उमस के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है.

प्रभावित जिले और संभावित असर

  • तराई क्षेत्र: कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, और श्रावस्ती में 11 सितंबर से भारी बारिश की संभावना. इससे जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.
  • पश्चिमी और मध्य यूपी: मुरादाबाद, बरेली, मेरठ, आगरा, कानपुर, और प्रयागराज में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन उमस बरकरार रहेगी.

बता दें कि अभी भी प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं, प्रशासन ने तटीय इलाके के लूं को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया है, जबकि लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.