वर्तमान समय में प्राकृतिक आपदा ने देश के कई राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर भी बड़ा चोट दिया है. बीते वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में नई बुलंदियों को छू रही धर्म नगरी काशी का पर्यटन भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुआ है. 

सिर्फ अगस्त के महीने में 2 - 3 बार जलस्तर में वृद्धि की वजह से वाराणसी में डोमेस्टिक और इंटरनैशनल टूरिजम दोनों प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं जानकारों की माने तो वाराणसी के पर्यटन क्षेत्र को सिर्फ अगस्त के ही महीने में 500 करोड़ रुपए से भी अधिक का नुकसान हुआ है.

बीते एक दशक में नहीं देखी कभी ऐसी स्थिति - डॉ अजय सिंह 

 वाराणसी के पर्यटन को लेकर एबीपी न्यूज ने ऑल इंडिया टूरिज्म फेडरेशन के नेशनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अजय सिंह से बातचीत की. उनका कहना है कि अभी भी वाराणसी का घाट बाढ़ की चपेट में है. करीब 50 दिन का वक्त हो चुका है, जब वाराणसी में गंगा तटवर्ती क्षेत्र के लोग बढ़ते जलस्तर की वजह से प्रभावित रहें हैं. इस सीजन में सबसे ज्यादा इटालियन और स्पेनिश पर्यटक वाराणसी पहुंचते हैं. क्योंकि उनके देश में इन समय में छुट्टी होती है.

 पिछले वर्षों की बात कर ले तो खास तौर पर इटालियन और स्पेनिश टूरिस्ट गाइड की मांग बहुत ज्यादा होती है. लेकिन इस बार तो देश के यात्रियों को भ्रमण कराने के लिए हमारे पास उपलब्ध सभी टूरिस्ट गाइड की मांग ही नहीं है. इस बार बाढ़ की वजह से जो स्थिति उत्पन्न हुई है हमने पिछले एक दशक में कभी भी ऐसी स्थिति नहीं देखी.

होटल उद्योग को बहुत भारी नुकसान 

 डॉ अजय का कहना है कि - वाराणसी में बाढ़ की वजह से देश-विदेश से पर्यटकों के आने की संख्या में बहुत कमी हुई है. इसका सीधा असर होटल व्यवसाय पर पड़ा है. जनपद के फाइव स्टार थ्री स्टार में 60% रूम खाली हैं. वाराणसी के घाट पर नौका विहार हो, गंगा आरती इसके अलावा घाटों पर भ्रमण करने का एक शानदार सफर, यह सभी करीब 50 दिन से बंद हैं. 

अगर पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए अलग-अलग व्यवसाय को मिला दिया जाए तो आंकड़ों के मुताबिक 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान वाराणसी को सिर्फ अगस्त महीने में हुआ है.

प्रकाश पर्व से काशी के पर्यटन को बहुत उम्मीद  

 पर्यटन क्षेत्र के जानकार लोगों का कहना है कि अगस्त महीना पर्यटन क्षेत्र के लिए भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला रहा. वहीं अभी भी गंगा घाट डूबे हुए हैं. घाटों पर बाढ़ की वजह से होने वाली गंदगी और मिट्टी को हटाने में वक्त लगेगा. 

सितंबर महीने में कब तक स्थिति सामान्य होगी यह कहना काफी मुश्किल है. वही आने वाले प्रकाश पर्व, देव  दीपावली, गंगा घाट के प्रमुख आयोजन और ठंड के दिनों में काशी के अलग-अलग स्थलों पर पर्यटकों पहुंचे, इससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को काफी उम्मीद है.