उत्तर प्रदेश में ओवरलोड ट्रक को पास करने के नाम पर परिवहन व खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ. इस मा्मले में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ समेत 4 जिलों में एफआईआर दर्ज कराई है. 

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यूपी एसटीएफ ने लखनऊ, फतेहपुर, उन्नाव और रायबरेली में एक साथ छापेमारी करते हुए इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा किया है. जिसके बाद इस मामले में एआरटीओ से लेकर खनन अधिकारियों तक के खिलाफ ओवरलेड ट्रकों को पास कराने की शिकायत दर्ज कराई गई हैं. 

लखनऊ समेत चार जिलों में एफआईआर दर्ज

एसटीएफ ने लखनऊ के मड़ियांव, फतेहपुर के थरियांव, उन्नाव की शहर कोतवाली और रायबरेली की लालगंज कोतवाली में एआरटीओ, खनन अधिकारी, उनके गनर और ड्राइवर पर नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ में एआरटीओ राजू बंसल, पीटीओ मनोज भारद्वाज समेत 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि फतेहपुर में खनन अधिकारी देशराज पटेल समेत 6 लोगों पर नामजद एफआईआर हुई हैं. रायबरेली के लालगंज में एआरटीओ फतेहपुर पुष्पांजलि समेत 11 लोगों पर FIR की गई है.  इन जिलों में करोड़ों रुपये की वसूली के खेल का पर्दाफाश हुआ है. 

करोड़ों रुपये की वसूली का पर्दाफाश

बताया जा रहा है कि इन इलाकों में ओवरलोड ट्रक को पास करने के नाम पर दलाल 7000 रुपये तक वसूलते थे. इनमें 5000 रुपये आरटीओ और खनन विभाग को मिलते थे, जिसके बाद बालू मौरंग से लदे ओवरलोड ट्रक पास हो जाया करता थे. एक बार पैसा जमा होने के बाद कहीं पर ऐसे वाहनों की चेकिंग नहीं होती थी. 

अगर कहीं पर ये ओवरलोड ट्रक पकड़े जाते थे तो उन्हें बिना चालान के ही छोड़ दिया जाता था. ओवरलोड ट्रक का नंबर और पैसा एक रात पहले ही अफसरों को पहुंचा दिया जाता था. दलालों के जरिए ओवरलोड ट्रक को पास करने के नाम पर बांदा, हमीरपुर से लेकर लखनऊ तक करोड़ों का धंधा किया जा रहा था.  

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