UP STF: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ में एक बड़े जालसाज गिरोह का पर्दाफाश करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के फर्जी प्लॉट बेचने के मामले में वांछित चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अभियुक्त का नाम सुशील मिश्रा है, जो लखनऊ के गोमतीनगर का रहने वाला है. यह गिरोह कई वर्षों से खाली पड़े एलडीए के प्लाटों को निशाना बनाकर उनके नकली दस्तावेज तैयार कर फर्जी रजिस्ट्री के जरिए लोगों को बेच रहा था.

एसटीएफ ने सुशील मिश्रा को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित दयाल चौराहे के पास से गिरफ्तार किया. उसके पास से दो मोबाइल फोन और नकद ₹1320 बरामद हुए हैं. यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी एक पीड़ित सर्वेश कुमार गौतम की शिकायत के आधार पर की गई जांच के बाद संभव हो सकी. सर्वेश ने 21 जनवरी 2025 को एसटीएफ को शिकायत दी थी, जिसमें उसने प्लॉट खरीद में धोखाधड़ी की बात कही थी.

फर्जी दस्तावेज बनाकर प्लॉट बेचने वाला गिरोहजांच में सामने आया कि सुशील मिश्रा, अचलेश्वर गुप्ता नामक गिरोह के साथ मिलकर लंबे समय से यह फर्जीवाड़ा कर रहा था. यह गिरोह एलडीए के ऐसे प्लॉटों को चिन्हित करता जो कई वर्षों से खाली पड़े थे. इसके बाद वह एलडीए के बाबुओं से मिलीभगत कर उन प्लॉटों के असली मालिकों की जानकारी जुटाता, फिर उनके नाम से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कर किसी तीसरे व्यक्ति को प्लाट की रजिस्ट्री करवा देता.

सुशील मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि अब तक यह गैंग करीब 70-80 प्लॉट बेच चुका है. इस पूरे नेटवर्क में कई और लोग भी शामिल हैं—राम बहादुर सिंह फर्जी दस्तावेज बनाता है, सचिन सिंह खरीदारों को ढूंढता है, मुकेश मौर्या नकली पहचान पत्र तैयार करता है, और राहुल सिंह गवाह की व्यवस्था करता है. एसटीएफ ने बताया कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. यह भी पता चला है कि इसी गैंग ने लखनऊ के कई भूमाफियाओं को भी फर्जी कागजात उपलब्ध कराए हैं.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) राज्य सरकार की एक संस्था है, जो लखनऊ में आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं को संचालित करती है. एलडीए के प्लाट काफी मूल्यवान माने जाते हैं और इसीलिए धोखाधड़ी करने वाले गैंग अक्सर ऐसे प्लाटों को निशाना बनाते हैं. एसटीएफ अब उन सभी प्लाटों की सूची तैयार कर रही है, जिनकी फर्जी रजिस्ट्री की गई है, ताकि आगे इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके.