उत्तर प्रदेश में मतदाता गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया की तारीख बढ़ सकती है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी तक सिर्फ 80.85 फीसदी फॉर्म ही वापस आए हैं. यानी 19.15% के करीब फॉर्म्स अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग के पास नहीं पहुंचे हैं.

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समाचार लिखे जाने तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में SIR के डिजिटाइजेशन का 99.24 काम पूरा हो गया है लेकिन सिर्फ 80.85 गणना प्रपत्र ही वापस आ पाए है.

यूपी में सबसे ज्यादा 1 करोड़ 27 लाख लोग अस्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, यह लोग अपने पते पर नहीं मिले हैं. लगभग तीन फीसदी लोग मृत हैं और यह संख्या लगभग 46 लाख की है, 23.69 लाख डुप्लीकेट वोटर मिले जो पहले से ही कहीं और मतदाता है . लगभग 84 लाख से ज्यादा मतदाता अनुपस्थित पाए गए हैं .

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कुछ जिलों के आंकड़े जहां अभी तक नए लाखों फॉर्म्स

अयोध्या: 41,000

लखनऊ: लगभग 2.20 लाख

प्रयागराज: लगभग 2.40 लाख

गाजियाबाद: लगभग 1.60 लाख

सहारनपुर: लगभग 1.40 लाख

दो सप्ताह देने का अनुरोध

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने बुधवार को कहा था कि राज्य ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को पूरा करने के लिए दो और सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया है. एक प्रेस विज्ञप्ति में, रिनवा ने कहा कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत मतदाताओं, दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और लापता मतदाताओं के नाम दोबारा सत्यापित कर सकें.

रिनवा ने कहा कि 14 जिलों, 132 विधानसभा क्षेत्रों और 1,43,509 मतदान केंद्रों में डिजिटलीकरण का काम पूरा हो चुका है.उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं के नाम 2025 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें फॉर्म-6 भरने में सहायता की जानी चाहिए, जबकि एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष के होने वाले युवाओं को भी पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. सीईओ ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से मृत, प्रवासी, अनुपस्थित और डुप्लिकेट मतदाताओं की प्रविष्टियों के सत्यापन में सहयोग करने का आग्रह किया.बूथ स्तर के अधिकारी 12 दिसंबर तक सत्यापित मतदाताओं की सूची बूथ स्तर के एजेंट को उपलब्ध कराएंगे, ताकि वे इसे सीईओ और जिला वेबसाइटों पर अपलोड कर सकें.राज्य भर में चार नवंबर से एसआईआर की प्रक्रिया जारी है.