शामली के कैराना क्षेत्र के ऊंचागांव निवासी 25 वर्षीय अग्निवीर नितिन प्रजापति की ट्रेनिंग के दौरान दर्दनाक मौत हो गई. चार महीने पहले सेना में भर्ती हुए नितिन प्रजापति मध्य प्रदेश के जनपद सागर में ट्रेनिंग ले रहे थे.
सोमवार सुबह ट्रेनिंग के दौरान दौड़ लगाते समय अचानक वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े. साथी जवानों ने उन्हें उठाया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. नितिन की मौत की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची, गांव में कोहराम मच गया.
चार महीने पहले सेना में हुए थे भर्ती
दरअसल आपको बता दें मामला कैराना क्षेत्र के गांव ऊंचा गांव का है जहां पर गांव के रहने वाले नितिन प्रजापति 4 महीने पहले अग्निवीर में भर्ती हुए थे सोमवार सुबह ट्रेनिंग के दौरान अचानक हार्ट अटैक आया इसके बाद वह जमीन पर गिर गए नितिन प्रजापति को अस्पताल लाया गया जहां पर उनको डॉक्टर ने मृतक घोषित कर दिया !
आज नितिन प्रजापति का शव सम्मान के साथ गांव में लाया गया गांव में गम का माहौल था परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मां ने कहा मैं रहूंगी नहीं मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, नितिन प्रजापति, ऊंचागांव निवासी सतीश प्रजापति के बड़े बेटे थे. उनके पिता किराए पर ट्रैक्टर चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
देश सेवा करना नितिन का सपना था
बता दें नितिन अविवाहित थे और परिवार में एक छोटा भाई शिवम है जो कक्षा 12 में पढ़ाई करता है, साथ ही एक छोटी बहन भी है. नितिन का सपना था कि सेना में भर्ती होकर देश सेवा करे और परिवार का नाम रोशन करे. लेकिन दौड़ के दौरान हार्ट अटैक आने से उसकी जिंदगी अचानक थम गई.
नितिन के चचेरे भाई अंकित प्रजापति ने बताया कि सोमवार सुबह आर्मी के अधिकारियों का फोन आया था, जिसमें जानकारी दी गई कि नितिन की ट्रेनिंग के दौरान मौत हो गई है. खबर सुनते ही परिजन बेसुध हो गए और गांव में मातम छा गया.
नितिन का पार्थिव शरीर बुधवार को सुबह 10:30 बजे आर्मी के जवानों द्वारा ऊंचा गांव पहुंचाया गया. शव गांव पहुंचते ही 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' और 'भारत माता की जय' के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा.
नेत्रहीन हैं मृतक जवान की मां
नितिन की मां प्रीति जन्म से ही नेत्रहीन हैं. लेकिन बेटे की शहादत पर उनका हौसला देखने लायक था. गांव की महिलाओं ने बताया कि मां ने रोया नहीं बल्कि सभी को ढांढस बंधाती रहीं.
मां का कहना था कि मेरा बेटा शहीद हुआ है और मैं भी उसके बिना जी नहीं पाऊंगी. वहीं, नितिन की दादी करेशनी ने नम आंखों से कहा कि बेटे को बहुत मेहनत कर पढ़ाया और आगे बढ़ाया था, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया.
नितिन प्रजापति की असमय मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र गमगीन है. हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है और परिवार के दुख में शामिल हो रहा है. गांव के लोगों का कहना है कि नितिन हमेशा मुस्कुराकर सभी से मिलते थे और देश सेवा की बात करते थे. आज उनका जाना पूरे गांव के लिए बड़ी क्षति है.